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‘‘एक मुट्ठी चावल’’ के साथ नड्डा ने की बंगाल के किसानों से संपर्क साधने की कोशिश

By भाषा | Updated: January 10, 2021 00:39 IST

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(प्रदीप्त तपदार)

कटवा (पश्चिम बंगाल), नौ जनवरी केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले एक महीने से जारी किसानों के प्रदर्शन के बीच भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पश्चिम बंगाल में किसानों तक पहुंच बनाने और उन्हें ‘‘न्याय दिलाने’’ के वादे के साथ शनिवार को इस आस में ‘‘एक मुट्ठी चावल’’ अभियान शुरू किया कि राज्य विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को भारी बहुमत मिलेगा।

कोलकाता से डायमंड हार्बर की उनकी यात्रा के दौरान गत 10 दिसंबर को उनके काफिले पर हुए हमले के बाद नड्डा की यह पहली बंगाल यात्रा है।

नड्डा ने किसानों को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल में ‘कृषक सुरक्षा अभियान’ और ‘एक मुट्ठी चावल’ कार्यक्रम शुरू किया। इसी साल के मध्य में पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव होने हैं। पार्टी ने वहां की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है।

नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने किसानों के लिए केंद्र की पूर्ववर्ती सरकारों से अधिक काम किया है।

उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रधानमंत्री किसान योजना लागू करने के लिए सहमत होने पर व्यंग्य करते हुए कहा कि वह राज्य के किसानों के बीच अपनी जमीन तेजी से खिसकने का एहसास होने के बाद यह कदम उठाने पर राजी हुई हैं।

उन्होंने ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ योजना के क्रियान्वन को लेकर राज्य सरकार के सहमत होने पर कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए ‘‘अब बहुत देर हो चुकी है।’’

नड्डा ने कहा, ‘‘सत्ता में आने के बाद से, मोदी सरकार ने कृषि पर बजट में छह गुना वृद्धि की है। 2013-14 में कृषि बजट मात्र 22,000 करोड़ रुपये था। आज, यह 1,34,000 करोड़ रुपये है।’’

नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को लागू किया। उन्होंने कहा, ‘‘स्वामीनाथन समिति की सिफारिश के अनुसार एमएसपी केवल प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लागू किया गया है, इसे लगभग 1.5 गुना बढ़ाया गया है।’’

नड्डा ने दोपहर में ‘‘एक मुट्ठी चावल’’ कार्यक्रम शुरू किया जिसके तहत भाजपा कार्यकर्ता किसानों के घरों से चावल इकट्ठा करेंगे और दिल्ली में किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद विपक्ष द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर ‘‘किसान विरोधी’’ होने के आरोप को खारिज करने के प्रयासों के तहत किसानों को नये कृषि कानूनों के लाभ बताएंगे।

पूर्वी वर्द्धमान को पश्चिम बंगाल का ‘‘धान का कटोरा’’ भी कहा जाता है।

कोलकाता से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित इस जिले का राज्य में एक विशेष महत्व है क्योंकि इसमें 15 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से अधिकतर पर वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है और भाजपा राज्य में सरकार बनाने के लिए उन पर जीत दर्ज करना चाहती है।

वर्द्धमान पूर्व से लोकसभा क्षेत्र से सांसद सुनील कुमार मंडल हाल में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं।

जगदानंदपुर में ‘कृषक सुरक्षा ग्राम सभा’ में नड्डा का संबोधन इस तरह की 40,000 सभाओं की शुरुआत का प्रतीक था, जिनका आयोजन विधानसभा चुनाव से पहले अब से कुछ महीने में पश्चिम बंगाल में भाजपा द्वारा किया जाना है।

पश्चिम बंगाल में 71.23 लाख किसान परिवार हैं, जिनमें से 96 प्रतिशत छोटे और सीमांत हैं।

नड्डा ने पीएम किसान योजना को लागू करने के लिए सहमत होने को लेकर बनर्जी पर व्यंग्य करते हुए कहा कि वह इसके लिए तब तैयार हुईं, जब उन्हें यह अहसास हुआ कि उनकी पार्टी का राज्य में किसानों के बीच आधार तेजी से कम हो रहा है। नड्डा ने कहा कि एक बार सत्ता में लाने के बाद भाजपा राज्य के किसानों को न्याय दिलाएगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह जानने के बाद ही यह योजना के लिए तैयार हुई कि ‘‘केंद्रीय योजनाओं से वंचित होने पर किसानों का गुस्सा राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार का सफाया कर देगा।’’

नड्डा ने अभियान की शुरुआत करते हुए कहा, ‘‘लेकिन, मैं यह स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि तृणमूल कांग्रेस सरकार के लिए पहले ही बहुत देर हो चुकी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ममता जी अब इसके कार्यान्वयन को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिख रही हैं क्योंकि चुनाव निकट आ रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम बंगाल में सरकार बनाएंगे और बंगाल में हमारे किसानों को लाभ उठाने में मदद करेंगे। हम आयुष्मान भारत योजना को भी राज्य में लागू करेंगे।’’

उन्होंने दावा किया कि निकट भविष्य में, जब भाजपा अगली सरकार बनाएगी तो 4.66 करोड़ लोगों को बंगाल में स्वास्थ्य कार्यक्रम आयुष्मान भारत का लाभ मिलेगा।

तृणमूल कांग्रेस सरकार ने कार्यक्रम का एक वर्ष से अधिक समय तक विरोध करने के बाद इस महीने की शुरुआत में राज्य में पीएम किसान योजना को लागू करने पर अपना रुख नरम किया था।

नड्डा ने कहा कि कटवा में विशाल किसान रैली साबित करती है कि ममता बनर्जी सरकार के दिन गिने चुने बचे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी ने मेरा जो गर्मजोशी से स्वागत किया है, उससे पता चलता है कि आपने तय कर लिया है कि ममता बनर्जी सरकार को बाहर का दरवाजा दिखाया जाएगा और भाजपा बंगाल में सरकार बनाएगी।’’

नड्डा ने कहा, ‘‘आपकी खुशी और आत्मविश्वास दिखाता है कि जनता सरकार बनाने के लिए हमारे स्वागत के लिए तैयार है।’’

उन्होंने भ्रष्टाचार पर तृणमूल कांग्रेस पर भी हमला बोला और कहा कि ‘‘मा माटी मानुष’’ का नारा ‘‘तोलाबाजी (जबरन वसूली), तुष्टीकरण और तानाशाही’’ में बदल गया है।

भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘‘बंगाल में लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए भी कट मनी का भुगतान करना पड़ता है। ’’

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कोविड-19 महामारी के दौरान राशन प्रदान कर रही थी, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अपने घरों को राशन कार्यालयों में तब्दील कर दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘यहां बंगाल में सत्ताधारी पार्टी द्वारा ऐसी लूट की गई।’’

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले किसानों तक पहुंच बनाने के प्रयास के तहत नड्डा ने शनिवार को पूर्वी वर्द्धमान जिले में पांच किसानों के घरों से मुट्ठी भर चावल एकत्रित किया।

भाजपा के ‘कृषक सुरक्षा अभियान’ के तहत ‘चावल संग्रह’ अभियान कटवा के जगदानंदपुर गांव में संचालित किया गया।

नड्डा के साथ भाजपा के प्रदेश प्रमुख दिलीप घोष सहित पश्चिम बंगाल भाजपा के अन्य नेता थे। नड्डा ने किसानों से उनकी स्थिति के बारे में बात की और उनके घरों की दीवारों पर अभियान के पोस्टर चिपकाए। इस बीच महिलाओं ने शंख बजाए।

स्थानीय निवासी अपर्णा मंडल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें खुशी है कि वह हमारे घर आये और हमारे द्वारा दी गई मिठाइयां खायीं। उन्होंने प्रत्येक घर से एक मुट्ठी चावल लिया और अपने झोले में डाला।’’

नड्डा ने उसके बाद एक अन्य किसान मथुरा मंडल के कच्चे घर में दोपहर का भोजन किया।

भाजपा अध्यक्ष ने बंगाली शाकाहारी भोजन किया, जिसमें मंडल की पत्नी द्वारा तैयार किया गया ‘शुक्तो’, ‘शाक भाजा', तला बैंगन, आलू फ्राई, चटनी और ‘पायेश' शामिल था।

इससे पहले दिन में नड्डा ने कटवा के सदियों पुराने राधा गोविंद मंदिर में पूजा-अर्चना करके राज्य की अपनी दिन भर की यात्रा की शुरूआत की।

मंदिर के मुख्य द्वार के पास महिला ढाकियों द्वारा उनका स्वागत किया गया।

नड्डा और घोष कुछ समय मंदिर में रहे। इस बीच, पुलिस ने परिसर की घेराबंदी कर रखी थी। भाजपा समर्थक पार्टी प्रमुख की एक झलक पाने के लिए वहां इकट्ठा हुए थे।

नड्डा ने ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए उन पर ऐसी सरकार का नेतृत्व करने का आरोप लगाया, जो संकटग्रस्त गरीबों को भी ‘‘नहीं बख्शती’’।

उन्होंने 2020 में राज्य में आए चक्रवात अम्फान के बाद तृणमूल नेताओं द्वारा राहत सामग्री के कथित दुरुपयोग और जबरन वसूली का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए कहा, ‘‘तृणमूल का मतलब कट- मनी (कमीशन लेना), चाल चोर (चावल चुराने वाला गिरोह) और तिरपाल चोर हो गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान गरीबों को राशन दिया, जो अनाज राशन की दुकानों में होना चाहिए था, वह तृणमूल कांग्रेस के गोदाम में पाया गया।’’

नड्डा ने बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में तृणमूल के इन आरोपों को खारिज किया कि भगवा दल ‘‘बंगाली संस्कृति’’ को नष्ट करने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने दावा किया कि तृणमूल ने कभी बंगाली संस्कृति का प्रतिनिधित्व नहीं किया, बल्कि वह ‘अराजकता एवं भ्रष्टाचार’ का प्रतीक है।

नड्डा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी आपराधिक मनोवृति से काम कर रही है और उसने भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप दे दिया है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘ तृणमूल कांग्रेस ने कभी बंगाली संस्कृति का प्रतिनिधित्व नहीं किया। वह अराजकता, भ्रष्टाचार एवं जबरन वसूली का प्रतिनिधित्व करती है। भाजपा और श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंगाली संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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