निगम चुनाव में सत्ता मिलने पर असंगठित फेरीवालों के कारण होने वाली समस्या का समाधान करेंगे : आप

By भाषा | Updated: November 20, 2021 20:34 IST2021-11-20T20:34:00+5:302021-11-20T20:34:00+5:30

Will solve the problem caused by unorganized hawkers after getting power in corporation elections: AAP | निगम चुनाव में सत्ता मिलने पर असंगठित फेरीवालों के कारण होने वाली समस्या का समाधान करेंगे : आप

निगम चुनाव में सत्ता मिलने पर असंगठित फेरीवालों के कारण होने वाली समस्या का समाधान करेंगे : आप

नयी दिल्ली, 20 नवंबर आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को वादा किया कि अगर वह अगले साल दिल्ली नगर निगम चुनाव में सत्ता में आती है तो वह असंगठित फेरीवालों की गतिविधियों के कारण लोगों और रेहड़ी-पटरी वालों को होने वाली समस्याओं को खत्म कर देगी।

पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार शहर में असंगठित फेरीवालों की गतिविधियों के कारण होने वाली समस्या को दूर करने के लिए ‘‘एक बहुत ही प्रगतिशील’’ नीति पर काम कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘आप का वादा है कि दिल्ली के नगर निगमों में सत्ता में आने पर रेहड़ी-पटरी वालों के लिए ‘वेंडिंग जोन’ की पहचान की जाएगी और शहर के लोगों के साथ-साथ दुकानदारों की सभी समस्याओं का समाधान कर उनकी असुविधाओं को समाप्त किया जाएगा।’’

आप नेता ने आरोप लगाया कि रेहड़ी-पटरी वालों को अपना कारोबार जारी रखने के लिए भाजपा शासित दिल्ली नगर निगमों और दिल्ली पुलिस के भ्रष्ट अधिकारियों को हफ्ता देना पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी ‘रेहड़ी-पटरी नीति के लागू होने से दुकानदारों को न केवल शहर में अपना व्यवसाय जारी रखने और अपनी आजीविका कमाने के लिए एक निश्चित स्थान मिलेगा बल्कि नगर निगमों और दिल्ली पुलिस के भ्रष्ट अधिकारियों को ‘हफ्ता’ देने से भी छुटकारा मिल जाएगा।’’

शहर के तीनों नगर निगमों -- दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, पूर्वी दिल्ली नगर निगम और उत्तरी दिल्ली नगर निगम में भाजपा का शासन है। भारद्वाज ने कहा कि आप की नीति के तहत विक्रेता और लोग दोनों लाभान्वित होंगे, रेहड़ी-पटरी वालों को निश्चित ‘वेंडिंग जोन’ में भेजने से असंगठित फेरी वालों की गतिविधियों के कारण लोगों को होने वाली सभी असुविधाएं खत्म हो जाएंगी।

यह टिप्पणी दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा आठ नवंबर को नयी दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन की एक याचिका पर सुनवाई के बाद आई है, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में विक्रेताओं की संगठित गतिविधि के लिए रेहड़ी-पटरी कानून को उचित तरीके से लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की नगर विक्रेता समिति ने एक सर्वेक्षण में अब तक 71,371 रेहड़ी-पटरी वालों की पहचान की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने उन विक्रेताओं के पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 सितंबर से बढ़ाकर सात दिसंबर कर दी है, जो कोविड-19 महामारी के कारण अपने-अपने राज्यों में वापस चले गए थे और अब लौट रहे हैं।

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