चेन्नई, 15 जुलाई मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार से सवाल किया है कि राज्य के एक प्रमुख पर्यटन स्थल मरीना बीच की सफाई और रखरखाव के लिए वह किसी आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष टीम की नियुक्ति क्यों नहीं करती है?
न्यायमूर्ति एन किरुबाकरण और न्यायमूर्ति टी वी तमिलसेल्वी की खंडपीठ ने सुझाव दिया कि टीम में ग्रेटर चेन्नई निगम, लोक निर्माण विभाग व पुलिस के अधिकारियों के अलावा स्थानीय पार्षद, एक पर्यावरणविद्, एक सामाजिक कार्यकर्ता और कारोबारियों के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं।
पीठ विक्रेताओं की विभिन्न जनहित याचिकाओं पर हाल ही में अंतरिम आदेश पारित कर रही थी। याचिकाओं में संबंधित अधिकारियों को समुद्र तट पर आइसक्रीम पार्लर आवंटित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
पीठ ने कहा कि हालांकि यह मामला मरीना बीच पर दुकानों के आवंटन से संबंधित है लेकिन अक्सर कहा जाता है कि समुद्र तट का ठीक से रखरखाव नहीं किया जाता और अक्सर गंदगी रहती है तथा किसी को इसकी परवाह नहीं है।
इस संबंध में निगम के वकील ने कहा कि निकाय समुद्र तट की सफाई के लिए प्रयास कर रहा है। पीठ ने कहा कि कुछ प्रश्न उठाए जाने चाहिए और अधिकारियों को उनका जवाब देना चाहिए।
सवालों का जवाब देने के लिए 22 जुलाई तक का समय दिया गया है।
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