वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बनी भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या में अचानक आई गिरावट

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: February 9, 2021 08:08 IST2021-02-09T08:08:57+5:302021-02-09T08:08:57+5:30

भारत में पिछले तीन-चार महीनों में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में तेजी से गिरावट आई है। ये देखकर वैज्ञानिक हैरानी जता रहे हैं। वैज्ञानिक ये रहस्य पता लगाने में जुटे हैं कि भारत ने ऐसा क्या किया जिससे अचानक कोरोना के केस यहां कम हो गए।

Why Coronavirus case sudden decline in India a mystery for scientists | वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बनी भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या में अचानक आई गिरावट

भारत में अचानक कैसे कम हो गए कोरोना के मामले, वैज्ञानिक हैरान (फाइल फोटो)

Highlightsपिछले साल सितंबर तक भारत में कोरोना के रोजाना करीब एक लाख मामले सामने आ रहे थेसितंबर के बाद अगले चार महीनों में भारत में कोरोना मरीजों की संख्या में अचानक भारी गिरावट आई है वैज्ञानिक भारत में फैलने वाली बीमारियों के पैटर्न को समझने की कोशिश में जुटे

नई दिल्ली: दुनियाभर के अनेक वैज्ञानिक अब यह रहस्य सुलझाने में लगे हुए हैं कि भारत में अचानक कोरोना संक्रमितों की संख्या में गिरावट कैसे आ गई? पिछले साल सितंबर तक भारत में कोरोना वायरस के रोजाना करीब एक लाख मामले सामने आ रहे थे.

ये वह समय था जब भारत कोविड-19 की सबसे ज्यादा मार झेलने वाले अमेरिका से आगे निकलने की राह पर था. मरीजों से अस्पताल भरे पड़े थे. भारतीय अर्थव्यवस्था अभूतपूर्व मंदी में तब्दील हो गई थी.

चार महीनों में कोरोना के मामलों में गिरावट

हालांकि, अगले चार महीनों में भारत में कोरोना मरीजों की संख्या में अचानक भारी गिरावट आई. अब भारत में कोरोना संक्रमण के प्रतिदिन 10,000 के करीब मामले सामने आ रहे हैं.

पिछले महीने स्वास्थ्य मंत्री ने बताया था कि 26 जनवरी को भारत में कोरोना के सिर्फ 9,100 नए मामले दर्ज किए गए थे. ये पिछले आठ महीने में भारत में मरीजों की संख्या का सबसे कम आंकड़ा था. इसके अलावा 7 फरवरी को भी सिर्फ 11,831 मामले दर्ज किए गए.

जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के हेल्थ इकोनॉमिस्ट जिश्नू दास कहते हैं कि भारत में न तो टेस्टिंग कम हुई और न ही खतरे को कम करके आंका गया, फिर तेजी से फैल रही ये बीमारी अचानक कैसे गायब हो गई! हर एक संकेत यही बताता है कि भारत में मरीजों की संख्या अब कम है.

भारत में अचानक कम हुए कोरोना के केस, वैज्ञानिक हैरान

वैज्ञानिकों के लिए भी ये एक रहस्य बना हुआ है. वे भारत में कोरोना पीडि़तों की संख्या में अचानक आई गिरावट की जांच कर रहे हैं. वैज्ञानिक ये समझने का प्रयास कर रहे हैं कि भारतीय क्या सही कर रहे हैं और जो देश अभी भी कोरोना वायरस की चपेट में हैं, उन्हें क्या करने की जरूरत है?

यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग में पब्लिक हेल्थ रिसर्चर जेनेवी फर्नांडिस कहती हैं, जाहिर है कि इसके पीछे सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय काम कर रहे हैं. टेस्टिंग बढ़ाई गई है. लोग हालात बिगड़ने से पहले अस्पताल जा रहे हैं, जिससे मौत के आंकड़ों में कमी आई है. लेकिन ये अभी तक एक रहस्य ही बना हुआ है.

शोधकर्ता भारत में मास्क जरूरी और सार्वजनिक अनुपालनों की जांच कर रहे हैं. साथ ही साथ यहां की जलवायु, डेमोग्राफिक और आमतौर पर देश में फैलने वाली बीमारियों के पैटर्न को भी समझने की कोशिश की जा रही है. नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च ने ये अध्ययन फोन के माध्यम से आयोजित किया था.

गर्मी और नमी है कोरोना के केस घटने का कारण!

कोरोना पीडि़तों की संख्या में गिरावट के लिए जलवायु भी सहायक हो सकती है. देश के ज्यादातर हिस्से गर्म और नमी वाले हैं. इस बात के साक्ष्य मौजूद हैं कि भारत की जलवायु रेस्पिरेटरी वायरस के विस्तार को रोकने में मददगार है. हालांकि, कुछ बातें इसके विपरीत भी हैं.

एक जर्नल में प्रकाशित सैकड़ों साइटंफिक आर्टिकल्स की एक समीक्षा दर्शाती है कि गर्म और नमी वाली जगहों पर कोविड-19 का असर कम होता है. गर्म तापमान और आर्द्रता मिलकर कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करते हैं.

पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर इन्फेक्शियस डिसीज डायनामिक्स की डायरेक्टर एलिजाबेथ मैक्ग्रॉ ने पिछले साल एनपीआर को बताया था कि ठंडी और शुष्क जगहों पर वायरस के ड्रॉपलेट हवा में ज्यादा देर तक एक्टिव रहते हैं.

कोरोना वायरस के बढ़ने-घटने पर वैज्ञानिकों का मत

गर्म हवा और नमी वाली जगह पर ड्रॉपलेट्स तेजी से नीचे आ जाते हैं, जिससे ट्रांसमिशन का खतरा कम हो जाता है. हालांकि दूसरी तरफ, पिछले साल जुलाई में दि लैंसिट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, अत्यधिक गर्मी लोगों को एयरकंडीशनर कमरे में रहने पर मजबूर करती है.

इससे भी वायरस फैलने का खतरा बढ़ता है. नेचुरल रिसोर्सेज डिफेंस काउंसिल ने चेतावनी देते हुए कहा था कि बहुत ज्यादा गर्मी से लोगों में डीहाइड्रेशन और डायरिया की समस्या होगी और वे अस्पतालों की तरफ रख करेंगे. जबकि अस्पताल पहले कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों से भरे रहेंगे. एक बंद जगह में लोगों के इकट्ठा होने से भी संक्र मण का खतरा बढ़ेगा.

Web Title: Why Coronavirus case sudden decline in India a mystery for scientists

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