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WHO की वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, 'अन्य देशों के मुकाबले भारत का कोविड-19 के मामलों को कम रख पाना सराहनीय'

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 11, 2020 18:57 IST

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सोमवार तक कोविड-19 के 39,76,043 मामले थे जबकि इसकी वजह से अब तक 2,77,708 लोगों की जान जा चुकी है। 

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ठळक मुद्देभारत में भी कोविड-19 से 2200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है जबकि 67 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। संक्रमण की दवा के विकास के संदर्भ में स्वामीनाथन ने कहा कि कई मोर्चों पर काम चल रहा है।

नयी दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने अन्य देशों के मुकाबले कोरोना वायरस संक्रमण और उससे होने वाली मौत के आंकड़ों को बेहद कम रखने के लिये सोमवार को भारत की सराहना की और कहा कि वह कोविड-19 की दवा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को “आने वाले कई महीनों और संभवत: सालों तक” संक्रमण के प्रसार के लिये तैयार रहना होगा। स्वामीनाथन ने कहा कि सिर्फ दवा विकसित कर लेना और उसका परीक्षण ही काफी नहीं है, बल्कि उसका निर्माण, उसे प्राप्त करना और बड़ी आबादी तक उसे सुलभ कराने के लिये स्वास्थ्य तंत्र का होना भी महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के मौके पर आयोजित एक सम्मेलन में स्वामीनाथन ने कहा, “मैं अब तक भारत में कोविड-19 महामारी पर लगाम लगाए रखने और अन्य देशों के मुकाबले संक्रमण के मामलों और मरने वाली संख्या को बेहद सीमित रखने के लिये मंत्री और सहकर्मियों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई देना चाहूंगी” विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन समेत सभी प्रतिभागियों ने सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित किया। उन्होंने कहा, “हालांकि, हम जानते हैं कि हम मैराथन में दौड़ रहे हैं। यह छोटी दूरी की दौड़ नहीं है जिसे तेजी से भागकर पूरा कर लिया जाए।

भारत और वास्तव में पूरी दुनिया को संक्रमण के प्रसार के लिये आने वाले कई-कई महीनों और संभवत: सालों तक के लिये तैयार रहना होगा।” डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सोमवार तक कोविड-19 के 39,76,043 मामले थे जबकि इसकी वजह से अब तक 2,77,708 लोगों की जान जा चुकी है। 

भारत में भी कोविड-19 से 2200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है जबकि 67 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की महानिदेशक रह चुकीं स्वामीनाथन ने कहा कि अत्यधिक आबादी, शहरी इलाकों में अत्यधिक भीड़ और कुछ ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य देखभाल की खराब पहुंच के तौर पर कई चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा, “हमारे लिये वास्तव में यह जन स्वास्थ्य निगरानी, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र और स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या को मजबूत करने का समय है।”

संक्रमण की दवा के विकास के संदर्भ में स्वामीनाथन ने कहा कि कई मोर्चों पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा, “दवा के विकास में भारत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। भारत अगर इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होगा तो दुनिया में हर किसी के लिये पर्याप्त दवा नहीं होगी।” उन्होंने कहा, “दवा (कोरोना वायरस की) एक साल में तैयार करने का लक्ष्य है, या संभव हो तो उससे भी कम समय में।” भाषा प्रशांत दिलीप दिलीप

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