कोलकाता, एक जुलाई पश्चिम बंगाल में कोविड-19 प्रतिबंधों में राहत के बाद बृहस्पतिवार से सरकारी बसों का परिचालन बहाल हो गया लेकिन निजी बसों के मालिकों ने ईंधन की ऊंची कीमतों के मद्देनजर किराए में वृद्धि नहीं होने की वजह से अपने वाहनों को सड़कों पर नहीं उतारा।
पश्चिम बंगाल परिवहन निगम, दक्षिण और उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगमों द्वारा संचालित सभी बसों का परिचालन शुरू हो गया लेकिन भीड़भाड़ वाले समय के दौरान सिर्फ इन बसों का परिचालन यात्रियों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त साबित नहीं हुआ।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि तीनों निगम एक साथ करीब 5,000 बसों का परिचालन करती हैं।
निजी बसों के मालिकों का प्रतिनिधित्व करनेवाले संगठनों में से एक ‘ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट’ के महासचिव तपन बनर्जी ने कहा, ‘‘हम 2020 से ही किराए में वृद्धि की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार ने अब तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया। हम अभी अपनी बसों का परिचालन करने में असमर्थ हैं क्योंकि इससे काफी नुकसान होगा।’’
उन्होंने कहा कि राज्य में कुल बस यात्रियों में से 85 फीसदी यात्री निजी बसों से यात्रा करते हैं।
दिन में बसों में काफी भीड़ देखी गई और कोविड-19 संबंधी नियमों का पालन भी नहीं हो रहा था। राज्य सरकार ने आदेश जारी किया था कि बस, टैक्सी और ऑटो रिक्शा एक जुलाई से 50 फीसदी क्षमता के साथ वाहनों का परिचालन कर सकते हैं। लोकल और मेट्रो रेल सेवा अब भी निलंबित है।
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