कोलकाताः केंद्रीय गृहमंत्री और शीर्ष भाजपा नेता अमित शाह ने सीएम ममता बनर्जी पर हमला बोला। कहा कि एक बार पीएम मोदी को मौका दीजिए।
कोलकाता में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 'मां माटी और मानुष' का नारा तुष्टीकरण, तानाशाही और टोलबाजी में परिवर्तित हो गया है। जो अपेक्षाएं रखी गई थी, तृणमूल सरकार और राज्य की मुख्यमंत्री उन अपेक्षाओं को पूर्ण करने में खरी नहीं उतरी है।
अमित शाह ने कहा कि आपने कांग्रेस को भी मौका दिया, कम्युनिस्टों को भी मौके बार-बार दिए, ममता को भी 2 बार मौका दिया। एक मौका मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को दे दीजिए, हम 5 साल में सोनार बांग्ला बनाने का आपको वादा करते हैं। मैं निश्चित रूप से कहता हूं कि आने चुनाव में बंगाल में हम 200 से ज्यादा सीटों के साथ भाजपा की सरकार बनाने जा रहे हैं।
कोलकाता में केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि जेपी नड्डा जी के नेतृत्व में भाजपा बंगाल के चुनाव को बहुत गंभीरता से ले रही है। क्योंकि इसके साथ देश की सुरक्षा भी जुड़ी है और अति पिछड़े गरीब लोगों के भले का भी सवाल है। दोनों मुद्दों को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे।
कम्युनिस्ट शासन से त्रस्त होकर ममता बनर्जी के हाथों में बंगाल की कमान दी गई थी। मगर आज मां, माटी और मानुष का नारा तुष्टिकरण, तानाशाही और टोलबाजी में परिवर्तित हो गया है। तृणमूल सरकार जनता की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर सकी है। 2010 में बड़े चाव के साथ 11 अप्रैल को मां, माटी और मानुष के नारे के साथ बंगाल में परिवर्तन हुआ था। बंगाल की जनता के मन मे ढेर सारी अपेक्षायें और आशाएं थी।
साइक्लोन और कोरोना महामारी में भी भ्रष्टाचार करने से तृणमूल कांग्रेस पीछे नहीं हटी है। तुष्टिकरण से बंगाल की जनता के बहुत बड़े वर्ग के मन में सवाल खड़े हुए हैं। एक प्रकार से बंगाल में 3 कानून हैं- एक अपने भतीजे के लिए एक अपने वोट बैंक के लिए एक आम लोगों के लिए
हमारा लक्ष्य स्पष्ट है कि बंगाल का विकास हो, देश की सीमाएं सुरक्षित हों, बंगाल के अंदर घुसपैठ रुके। TMC और दीदी का एकमात्र लक्ष्य है कि अगले टर्म में भतीजे को मुख्यमंत्री बना देना है। अब बंगाल की जनता को तय करना है कि परिवारवाद चाहिए या विकासवाद चाहिए।
शाह ने पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा के लिए 200 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया
केंद्रीय गृहमंत्री और शीर्ष भाजपा नेता अमित शाह ने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कुल 294 सीटों में से पार्टी के लिए 200 सीटें जीतने तथा राज्य में सत्ता में आने का लक्ष्य निर्धारित किया। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी संगठन का जायजा लेने बांकुड़ा का दौरा करने वाले शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कठिन परिश्रम करने का संकल्प लेने का आह्वान किया ताकि इस लक्ष्य को हासिल किया जा सके। मीडिया को दूर रखते हुए बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश इकाई को बंगाल में सत्ता में आने के लिए तृणमूल कांग्रेस से कड़ा मुकाबला करना पड़ेगा।
एक प्रदेश भाजपा नेता ने कहा, ‘‘उससे पहले दिन में शाह ने कहा था कि पार्टी दो -तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आएगी। बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान उन्होंने हमसे कहा कि विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए अहम हैं और हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि पार्टी 2021 के विधानसभा चुनाव में 200 सीटों के साथ सत्ता में आये।’’
फिलहाल विधानसभा में भाजपा के आठ विधायक हैं। उसे (सत्तारूढ़) तृणमूल कांग्रेस के उन आठ विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है, जो 2019 के आम चुनाव के बाद उसके पाले में आ गये थे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं को केंद्र की जनोन्मुखी नीतियों और राज्य की ममता बनर्जी सरकार की जनविरोधी नीतियों की चर्चा करने को कहा।
एक अन्य भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ उन्होंने हमें पश्चिम बंगाल के लोगों को यह बताने को कहा कि कैसे उन्हें उनके मतलब की केंद्रीय योजनाओं से वंचित किया जा रहा है क्योंकि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने उन्हें पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने दिया। हमें लेागो को राज्य में तृणमूल कांग्रेस के कुशासन के बारे में बताने को कहा गया है।’’
शाह ने इससे पहले दिन में संवाददाताओं से कहा था कि वह पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ भारी रोष को महसूस कर रहे हैं और इस सरकार के पतन की शुरुआत हो चुकी है। दो तिहाई बहुमत से सरकार गठन का विश्वास जताते हुए शाह ने लोगों का आह्वान किया था कि ‘सोनार बांग्ला’ के सपने को मूर्त रूप देने के लिए भाजपा को अगली सरकार बनाने का मौका दें।
भाजपा अध्यक्ष रहने के दौरान राज्य में पार्टी का जनाधार बढ़ाने में अहम भूमिका निभा चुके शाह ने 2019 के संसदीय चुनाव में पार्टी के लिए राज्य की 42 में 22 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया था। पार्टी ने उस चुनाव में 18 सीटें जीतीं। पार्टी संगठन की बैठक करने के अलावा शाह ने बांकुड़ा में विभिन्न समुदायों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की। बांकुड़ा उन जिलों में एक है, जहां भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी गहरी पैठ बनायी।