किसान नेता राकेश टिकैत ने बंगाल जाकर सीएम ममता बनर्जी से की मुलाकात, यशवंत सिन्हा भी थे बैठक में मौजूद
By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 9, 2021 18:43 IST2021-06-09T16:04:26+5:302021-06-09T18:43:35+5:30
बीकेयू के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा, ‘‘हम चुनावी जीत के लिए ममता बनर्जी को धन्यवाद देने के साथ किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित एमएसपी दिलाने के कदम के लिए उनका समर्थन चाहते हैं।’’

समर्थन मांगने के वास्ते बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। (photo-social media)
कोलकाताः भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत और युद्धवीर सिंह के नेतृत्व में किसान नेता कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के लिए समर्थन मांगने के वास्ते बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की।
बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी मौजूद थे। टिकैत ने कहा कि 'दीदी से आग्रह ऐसा मॉडल तैयार करें जिसे सब फॉलो करें, आपने बड़े दुश्मन को हराया है।' बीकेयू के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा, ‘‘हम चुनावी जीत के लिए ममता बनर्जी को धन्यवाद देने के साथ किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित एमएसपी दिलाने के कदम के लिए उनका समर्थन चाहते हैं।’’
Kolkata | Bharatiya Kisan Union leader Rakesh Tikait meets West Bengal CM Mamata Banerjee on issues related to agriculture and local farmers (ANI) pic.twitter.com/WeBtjaQwUw
— The Times Of India (@timesofindia) June 9, 2021
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को राकेश टिकैत और युद्धवीर सिंह के नेतृत्व में आए किसान नेताओं को नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ उनके आंदोलन को समर्थन देने का आश्वासन दिया। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने यहां किसान नेताओं के साथ बैठक में कहा कि एक ऐसा मंच होना चाहिए जहां राज्य नीतिगत विषयों पर बातचीत कर सकें।
उन्होंने कहा कि राज्यों को निशाना बनाना (बुलडोजिंग) संघीय ढांचे के लिए अच्छी बात नहीं है। उत्तर भारत के किसान संगठनों के नेताओं से इस मुलाकात से कुछ दिन पहले ही तृणमूल कांग्रेस ने घोषणा की थी कि पार्टी पश्चिम बंगाल की भौगोलिक सीमाओं के बाहर अपना प्रभाव बढ़ाएगी। टिकैत और सिंह की अगुवाई वाले भारतीय किसान यूनियन ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ‘भाजपा को कोई वोट नहीं’ अभियान चलाया था। उनकी आने वाले समय में अन्य राज्यों के चुनावों में भी इसी तरह की योजना है।
बनर्जी ने किसान नेताओं से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘किसानों के आंदोलन को समर्थन रहेगा। भारत पूरी उत्सुकता से ऐसी नीतियों का इंतजार कर रहा है जिनसे कोविड-19 से लड़ने में, किसानों और उद्योगों की सहायता करने में मदद मिल सकती है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘किसानों से बात करना इतना मुश्किल क्यों है?’’
वह दरअसल केंद्र सरकार और किसानों के बीच वार्ता रुकने की ओर इशारा कर रही थीं जो संसद द्वारा पारित तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ कई महीने से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हैं। बनर्जी ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य क्षेत्र से लेकर किसानों और उद्योगों, सभी क्षेत्रों के लिए भाजपा का शासन अनर्थकारी रहा है। हम प्राकृतिक और राजनीतिक दोनों तरह की आपदाओं का सामना कर रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान नेताओं ने उनसे अनुरोध किया है कि वह किसानों के विषयों पर अन्य राज्यों के नेताओं से बात करें और किसान संगठनों के साथ संवाद आयोजित करें। उन्होंने कहा, ‘‘किसान आंदोलन केवल पंजाब, हरियाणा या उत्तर प्रदेश के लिए नहीं है। यह पूरे देश के लिए है।’’ बनर्जी ने यह भी कहा कि राज्यों के लिए जरूरी है कि मिलकर नीतिगत विषयों पर चर्चा करें तथा अन्याय के खिलाफ खड़े रहें।