अधिकरण के आदेश पर ‘वॉटरमार्क’ उन्हें अपठनीय बनाते हैं: न्यायालय
By भाषा | Updated: August 13, 2021 19:51 IST2021-08-13T19:51:27+5:302021-08-13T19:51:27+5:30

अधिकरण के आदेश पर ‘वॉटरमार्क’ उन्हें अपठनीय बनाते हैं: न्यायालय
नयी दिल्ली, 13 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि अधिकरणों के आदेश पर बड़े ‘वॉटरमार्क’ उन्हें अपठनीय बनाते हैं और इसकी ई-समिति अधिकरणों से संपर्क करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसे प्रतीक चिन्ह (लोगो) का उपयोग नहीं किया जाये।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आज के युग में, न्यायाधिकरणों को प्रामाणिकता दिखाने के लिए ‘वॉटरमार्क’ की आवश्यकता नहीं है क्योंकि सभी आदेशों और निर्णयों पर डिजिटल रूप से हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के एक आदेश के खिलाफ दायर अपीलों पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपने आदेश में ‘वॉटरमार्क’ का उपयोग करने वाले अधिकरण के आदेशों को पढ़ने के बाद कहा, “ये वॉटरमार्क आदेशों को विशेष रूप से दृष्टिबाधितों के लिए अपठनीय बनाता है क्योंकि यह मशीन पठनीय नहीं है। यह दिव्यांगों की न्याय तक पहुंच को प्रभावित करता है।’’
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपने अनुभव याद करते हुएकहा कि पिछले साल उनके पास एक लॉ क्लर्क था, जो रोड्स स्कॉलर और दृष्टिबाधित था और उन्हें इन आदेशों को पढ़ने में कठिनाई का सामना करना पड़ता था क्योंकि ये मशीन पढ़ने योग्य नहीं थी।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘इससे पहले, हमने उच्च न्यायालयों के साथ वॉटरमार्क के मुद्दे को उठाया था। अब हम इस मुद्दे को एनजीटी सहित अधिकरण के समक्ष उठाएंगे। वाटरमार्क के कारण मैं इन आदेशों को आराम से नहीं पढ़ पा रहा हूं।’’
उन्होंने कहा कि अधिकरण उच्चतम न्यायालय के अधीन नहीं आते हैं और उनकी अध्यक्षता वाली एक ई-समिति अधिकरणों के साथ इस मुद्दे को उठाएगी।
इस मामले में पेश हो रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि ने कहा कि कई उच्च न्यायालय अभी भी अपने आदेशों में इन वाटरमाक्र्स का इस्तेामाल कर रहे हैं और मद्रास तथा तेलंगाना उच्च न्यायालय अपने आदेश के एकदम बीच में इसे लगाते हैं।
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