कौन थीं स्वतंत्रता सेनानी पार्वती गिरि?, 'मन की बात' में पीएम मोदी ने किया याद, कैसे ओडिशा की मदर टेरेसा बनीं, वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 28, 2025 16:01 IST2025-12-28T16:00:25+5:302025-12-28T16:01:35+5:30
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के हर हिस्से के लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान दिया, लेकिन दुर्भाग्य से कई नायकों, चाहे वे पुरुष हों या महिला, को वह सम्मान नहीं मिला जिसके वे हकदार थे।

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भुवनेश्वरः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को घोषणा की कि अगले महीने स्वतंत्रता सेनानी पार्वती गिरि का जन्म शताब्दी समारोह मनाया जाएगा। मोदी ने ओडिशा की मूल निवासी गिरि को स्वतंत्रता संग्राम एवं समाज सुधार के प्रति उनके समर्पण को लेकर श्रद्धांजलि भी अर्पित की। मोदी ने वर्ष के अंतिम 'मन की बात' कार्यक्रम में गिरि का नाम लिया। मोदी ने कहा कि देश के हर हिस्से के लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान दिया, लेकिन दुर्भाग्य से कई नायकों, चाहे वे पुरुष हों या महिला, को वह सम्मान नहीं मिला जिसके वे हकदार थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ओडिशा की पार्वती गिरि जी ऐसी ही एक स्वतंत्रता सेनानी थीं। उनकी जन्म शताब्दी जनवरी 2026 में मनाई जाएगी। उन्होंने 16 वर्ष की आयु में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था। स्वतंत्रता संग्राम के बाद पार्वती गिरि जी ने अपना जीवन समाज सेवा और आदिवासी कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।’’
Next month, we will mark the birth centenary of Parbati Giri Ji, who contributed to our freedom movement and also focussed on uplifting the poor as well as the marginalised. Paid homage to her during today’s #MannKiBaat. pic.twitter.com/VRp1gX5n3l
— Narendra Modi (@narendramodi) December 28, 2025
PM @narendramodi pays tributes to freedom fighter, Parbati Giri Ji of Odisha in #MannKiBaat.
— Mann Ki Baat Updates मन की बात अपडेट्स (@mannkibaat) December 28, 2025
PM underlines the importance of never forgetting the contributions of the heroes who won our independence.@PMOIndiapic.twitter.com/RZS1eQg6xZ
प्रधानमंत्री ने कहा, “उन्होंने कई अनाथालय स्थापित किए। उनका प्रेरणादायक जीवन हर पीढ़ी का मार्गदर्शन करता रहेगा। मैं पार्वती गिरि को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।” उन्होंने कहा कि देश अगले महीने 77वां गणतंत्र दिवस मनाएगा, ऐसे में जब भी ऐसे अवसर आते हैं, लोगों के दिल स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता से भर जाते हैं।
We remember freedom fighter Parbati Giri Ji of Odisha, who joined the Quit India Movement at sixteen and later dedicated her life to social service and tribal welfare. #MannKiBaatpic.twitter.com/fIRaW5GfKo
— PMO India (@PMOIndia) December 28, 2025
प्रधानमंत्री ने कहा कि देशवासियों का यह दायित्व है कि वे अपनी विरासत को न भूलें। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उन नायकों, चाहे वे पुरुष हों या महिलाएं, की महान गाथा को अगली पीढ़ी तक पहुंचाना होगा, जिन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाई।’’ मोदी ने कहा कि जब भारत ने स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मनाई, तो सरकार ने एक विशेष वेबसाइट बनाई तथा उसमें एक खंड 'गुमनाम नायकों' को समर्पित था।
मोदी ने कहा,‘‘इस वेबसाइट पर जाकर उन महान हस्तियों के बारे में जाना जा सकता है जिन्होंने हमारे देश को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’’ प्रधानमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,‘‘हम ओडिशा की स्वतंत्रता सेनानी पार्वती गिरि जी को याद करते हैं, जिन्होंने 16 वर्ष की आयु में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया।
बाद में उन्होंने अपना जीवन समाज सेवा और आदिवासी कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।’’ वर्तमान बरगढ़ जिले में 19 जनवरी, 1926 को जन्मीं गिरि को उपनिवेशवाद विरोधी गतिविधियों के लिए दो साल की जेल हुई थी। महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें 16 वर्ष की आयु में दो साल के लिए जेल में डाल दिया गया था।
उन्होंने तीसरी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया था और महात्मा गांधी के आह्वान पर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए गांवों का दौरा किया था। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, स्वतंत्रता के बाद, उन्होंने 1950 में प्रयागराज के प्रयाग महिला विद्यापीठ में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के लिए दाखिला लिया।