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वानखेड़े, उनकी पत्नी पहुंचे अदालत , सोशल मीडिया मंचों को ‘दुर्भावनापूर्ण' सामग्री प्रकाशित करने से रोकने का अनुरोध

By भाषा | Updated: December 10, 2021 15:28 IST

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मुंबई, 10 दिसंबर स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े और उनकी पत्नी ने मुंबई की एक अदालत में याचिका दायर कर सोशल मीडिया कंपनियों को अपने मंचों पर दंपत्ति के खिलाफ ‘‘दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक’’ सामग्री प्रकाशित या प्रदर्शित करने करने से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

उपनगर बोरीवली में एक दीवानी अदालत में दायर मुकदमे में वानखेड़े और उनकी पत्नी एवं अभिनेत्री क्रांति रेडकर ने अनुरोध किया है कि ‘गूगल इंडिया’, ‘फेसबुक इंडिया’ ऑनलाइन सेवाओं और ‘ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया’ को उनके खिलाफ अपने मंचों पर कोई भी ‘‘आपत्तिजनक’’ पोस्ट की अनुमति देने से स्थायी रूप से रोका जाए। मुकदमे में दावा किया गया है कि एनसीबी अधिकारी ने जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है, उनके इशारे पर विभिन्न ‘‘अनैतिक तत्व’’ सोशल मीडिया मंचों के जरिए ‘‘प्रायोजित गलत सूचना’’ फैला रहे हैं।

कानूनी मामलों से जुड़ी कंपनी ‘रेक्स लीगलीस’ के जरिए दायर याचिका में कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि ‘‘गलत सूचना फैलाने का अभियान’’ उन लोगों के निहित स्वार्थों का परिणाम है जो एनसीबी अधिकारी द्वारा की गई जांच से प्रभावित हुए हैं।

मुकदमे में कहा गया है कि जब इन ‘‘अनैतिक तत्वों’’ यह लगा कि इस प्रकार से चरित्र हनन किए जाने के बावजूद वानखेड़े पर इसका खास प्रभाव नहीं पड़ा, तो उन्होंने उनकी पत्नी पर व्यक्तिगत हमले करना शुरू कर दिया।

इसमें कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता का कहना है कि इस तरह के आरोपों को लगाने का दायरा बढ़ रहा है और वादी के दूर के रिश्तेदारों को भी इसका शिकार बनाया जा रहा है।’’

पिछली सुनवाई में अदालत ने वर्तमान मुकदमे में प्रतिवादियों की अमेरिकी संस्थाओं के खिलाफ भी अभियोग चलाने के वानखेड़े के आवेदन को अनुमति दी थी। मामले में आगे की सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।

उल्लेखनीय है कि इस साल अक्टूबर में वानखेड़े ने एक क्रूज जहाज पर छापेमारी की थी और दावा किया था कि जहाज से मादक पदार्थ जब्त किए गए। इस मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और कुछ अन्य लोग आरोपी हैं।

छापेमारी के बाद, महाराष्ट्र के मंत्री मलिक ने वानखेड़े के खिलाफ कई आरोप लगाए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि एनसीबी अधिकारी जन्म से मुस्लिम थे और सरकारी नौकरी पाने के लिए एक फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया। उन्होंने दावा किया था कि वानखेड़े अनुसूचित जाति के नहीं हैं। वानखेड़े ने इन आरोपों से इनकार किया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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