मिर्जापुर (उप्र), पांच जनवरी राजस्थान सीमा से भटकते हुए करीब 11 वर्ष पूर्व पाकिस्तान में प्रवेश कर गया जिले के भरूहना गांव निवासी पुनवासी लाल मंगलवार की शाम वापस स्वदेश लौट आया। विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद पुनवासी अपनी बहन किरण के साथ घर लौटा तो लोग खुशी से झूम उठे।
जिले में पहुंचने पर पुनवासी का स्वागत पुलिस लाइन में प्रभारी जिलाधिकारी अविनाश कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह ने किया।
मिर्ज़ापुर के पुलिस अधीक्षक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पुनवासी लाल देहात कोतवाली क्षेत्र के भरूहना गांव का निवासी है और उसके पिता खेतिहर मजदूर थे।
जानकारी के अनुसार पुनवासी मानसिक रूप से अस्वस्थ था और एक ट्रक में सवार होकर राजस्थान चला गया जहां से भटक कर पाकिस्तान चला गया। वहां पाकिस्तान पुलिस ने पकड़ कर सीमा में अनाधिकार प्रवेश के तहत थाना नौलखा, लाहौर में मुकदमा दर्ज कर उसको जेल में डाल दिया।
पुनवासी की वापसी की प्रक्रिया पांच वर्ष पहले शुरू हुई थी जब भारत सरकार की ओर से एक पत्र वाराणसी के जिलाधिकारी को भेजा गया था लेकिन जिला प्रशासन उसके मूल स्थान की खोज नहीं कर सका।
पिछले वर्ष एक बार फिर नये सिरे से उसकी खोजबीन शुरू हुई और तब पता चला कि पाकिस्तान की जेल में बंद पुनवासी मिर्जापुर की देहात कोतवाली के भरुहना गांव का निवासी है। भरुहना गांव जाने पर पुलिस को पता चला कि पुनवासी उसी गांव का रहने वाला है और कुछ वर्षों से लापता है। गांव में ही बताया गया कि उसकी बहन किरण की जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के ग्राम बसई में शादी हुई है। किरण से पुलिस ने संपर्क करके पुनवासी की वापसी की पहल की।
अभिसूचना विभाग के अधिकारी ने कहा कि पुनवासी की बहन किरण ने उन्हें दिखाए गए चित्र के माध्यम से पहचाना और कहा कि वह दस साल पहले कहीं चला गया था। पहचान स्थापित करने के बाद पुनवासी की वापसी की प्रक्रिया प्रशस्त हुई और आखिरकार उसे 17 नवंबर, 2020 को अटारी सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंप दिया गया।
अधिकारी ने कहा कि जिलाधिकारी ने पुनावासी को वापस लाने के लिए एक कांस्टेबल को उसकी बहन और बहनोई के साथ अमृतसर भेजा। यहां पहुंचने पर, उसे पुलिस लाइंस लाया गया जहां जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने उसका स्वागत किया। बाद में उसे बहन के साथ लालगंज क्षेत्र के बसई ग्राम में भेज दिया गया।
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