नयी दिल्ली, 17 मार्च महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को मांग की है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से लदी एसयूवी कार मिलने के मामले से जुड़े कारोबारी मनसुख हिरन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की जांच एनआईए से कराई जाए।
उन्होंने कहा कि मामले में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के कर्मचारी सचिन वाजे के ‘राजनीतिक आकाओं’ का पता लगाया जाना चाहिए।
वाजे की गिरफ्तारी के कुछ घंटे के बाद ही राज्य सरकार ने मुंबई पुलिस के आयुक्त परमवीर सिंह का तबादला कर दिया। वह (सरकार) इस मामले से निपटने को लेकर आलोचना का शिकार हो रही है।
भाजपा नेता फडणवीस ने कहा कि सिंह और वाजे ‘ छोटे लोग’ हैं और केवल उन्हें जिम्मेदार ठहरा कर मामले को सुलझाया नहीं जा सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कौन है इसके पीछे? उसकी जांच होनी चाहिए। राजनीतिक आका जिन्होंने वाजे को निर्देशित किया, उनका पता लगाया जाना चाहिए।’’
उन्होंने हिरन की हत्या होने की आशंका जताई और आरोप लगाया कि वाजे के कई शिवसेना नेताओं से गहरे संबंध थे।
फडणवीस ने खुलासा किया कि वर्ष 2014 से 2019 के बीच उनके नेतृत्व में भाजपा सरकार के दौरान वर्ष 2018 में शिवसेना ने वाजे को बहाल करने के लिए दबाव बनाया था, लेकिन उन्होंने गंभीर आरोप होने की वजह से इनकार कर दिया था। बता दें कि उस सरकार में शिवसेना सहयोगी थी।
उन्होंने कहा कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे सहित कई पार्टी नेताओं ने उनसे इस मामले में संपर्क किया।
फडणवीस ने कहा कि भारत के सबसे अमीर व्यक्ति के आवास के सामने सुरक्षा खतरे का खुलासा होने के बाद रहस्य गहराता जा रहा है और 1990 का दौर याद आ रहा है जब मुंबई में लोगों ने राजनीति का अपराधीकरण देखा।
उल्लेखनीय है कि अंबानी के घर के नजदीक जिलेटिन छड़ के साथ जो एसयूवी कार मिली थी उसका मालिक हिरन था।
फडणवीस ने कहा, ‘‘इसके पीछे सुरक्षा खतरे से कहीं बड़ी साजिश है।’’
उन्होंने रेखांकित किया कि कुछ मुठभेड़ विशेषज्ञों से पहले महाराष्ट्र में ‘फिरौती गिरोह’ चलाने को कहा गया था।
वाजे को मुठभेड़ विशेषज्ञ कहा जाता है और वर्ष 2004 में उन्हें निलंबित किया गया था। राज्य में शिवसेना के नेतृत्व में महाराष्ट्र विकास अघाडी की सरकार आने के बाद विवादित तरीके से उन्हें बहाल किया गया।
फडणवीस ने आरोप लगाया, ‘‘जिलेटिन की छड़ों से भरी कार को पुलिस विभाग ने रखा और उसके बाद मनसुख हिरन जो मामले में अहम कड़ी थे, की हत्या कर दी गई। महाराष्ट्र और मुंबई के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था।’’
वाजे के शिवसेना नेताओं से गहरे संबंध होने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता ने कहा कि कनिष्ठ अधिकारी होने के बावजूद उन्हें अपराध खुफिया शाखा विभाग में अहम पद दिया गया।
उल्लेखनीय है कि अंबानी के आवास के नजदीक विस्फोटक लदी एसयूवी रखने के मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) कर रही है जबकि हिरन के मौत मामले की जांच मुंबई पुलिस कर रही है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।