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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा, आठ लोगों की मौत

By भाषा | Updated: October 4, 2021 01:21 IST

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लखीमपुर खीरी/लखनऊ (उत्तर प्रदेश), तीन अक्टूबर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान रविवार को यहां भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

यह घटना तिकोनिया कोतवाली क्षेत्र के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई। खबरों के मुताबिक ‘स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल’ (एसयूवी) वाहनों द्वारा कुछ प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर टक्कर मारे जाने के बाद नाराज किसानों ने दो एसयूवी में आग लगा दी।

खीरी के जिलाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने तिकोनिया में मीडियाकर्मियों को बताया कि इस घटना में चार किसान और चार अन्य (एसयूवी सवार) मारे गए। इस बीच, मृतक किसानों की पहचान बहराइच जिले के नानपारा निवासी दलजीत सिंह व गुरविंदर सिंह तथा पलिया-खीरी के लवप्रीत सिंह और नछत्तर सिंह के रूप में हुई है। दो एसयूवी चालकों समेत चार अन्य की पहचान अभी नहीं हो पाई है।

प्रदर्शनकारी किसान, मौर्य के बनबीरपुर दौरे का विरोध कर रहे थे, जो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और खीरी से सांसद अजय कुमार मिश्रा का पैतृक गांव है।

प्रदर्शनकारियों को कथित रूप से कुचले जाने की घटना से नाराज लोगों ने दो वाहनों में आग लगा दी। उन्होंने कथित तौर पर कुछ यात्रियों की भी पिटाई की।

किसानों का आरोप है कि एक वाहन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का बेटा सवार था, हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज कर दिया है।

इस घटना को लेकर विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय किसान यूनियन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और घटना के लिए भाजपा और गृह राज्य मंत्री के पुत्र को जिम्मेदार ठहराया है।

इस बीच, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने एक टीवी चैनल से कहा कि कार्यक्रम में शिरकत करने आ रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को साथ लाने के लिए कुछ कार्यकर्ता जा रहे थे। रास्ते में तिकुनिया में धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कार्यकर्ताओं के वाहनों पर पथराव कर दिया जिससे एक वाहन पलट गया। उसकी चपेट में आकर कुछ लोग घायल हो गए। उनमें से शायद एक-दो लोगों की मृत्यु भी हुई है।

उन्होंने कहा कि इस घटना में उनके बेटे की कोई संलिप्तता नहीं है। घटना के वक्त उनके पुत्र कार्यक्रम में मौजूद थे। ऐसे में इस घटना में उनके बेटे की संलिप्तता का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। गृह राज्य मंत्री ने दावा किया, ‘‘कार्यकर्ताओं ने नहीं, बल्कि किसानों ने कार्यकर्ताओं पर हमला किया। वहां किसानों के रूप में कुछ अराजक तत्व भी शामिल थे। उन्होंने ही घटना को अंजाम दिया है। इस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच होगी।’’

इससे पहले लखनऊ में प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने दो किसानों समेत छह लोगों की मौत होने की बात कही थी।

अधिकारी ने कहा, “एक काफिला जा रहा था, जिसे (किसानों द्वारा) काले झंडे दिखाए गए थे। इस बीच काफिले के साथ चल रहे दो-तीन वाहन पीछे छूट गए और उनमें से एक वाहन पलट गया और दो किसान उसके नीचे आ गए तथा उनकी मौत हो गई।”

प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने कहा, “इसके बाद जो वाहन उसके पीछे था वह क्षतिग्रस्त हो गया। यात्रियों और चालकों को वाहनों से बाहर निकाला गया, और उन्हें पीट-पीटकर मार डाला गया। कुल मिलाकर चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई।” उन्होंने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार मौके पर पहुंच गए हैं और स्थिति अब नियंत्रण में है।

इस बीच, हिंसा के मद्देनजर उपमुख्यमंत्री मौर्य का बनबीरपुर गांव का दौरा रद्द कर दिया गया ।

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना की जांच उत्तर प्रदेश प्रशासन से न कराकर उच्चतम न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराई जाए।

किसान आंदोलन से जुड़े योगेंद्र यादव ने कहा कि लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारियों को दो वाहनों से कुचले जाने के विरोध में सोमवार को देशभर में किसान जिलाधिकारी कार्यालयों के बाहर धरना देंगे।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “कृषि कानूनों का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसानों को भाजपा सरकार के गृह राज्य मंत्री के पुत्र द्वारा गाड़ी से रौंदना घोर अमानवीय क्रूर कृत्य है।”

यादव ने इस घटना को लेकर एक ट्वीट में मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की । उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘लखीमपुर खीरी में भाजपाइयों द्वारा गाड़ी से रौंदे जाने की घटना में गंभीर रूप से घायल किसान नेता तेजिन्दर सिंह विर्क जी से अभी थोड़ी बात हो पाई, उनकी अति गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार उन्हें सर्वोत्तम इलाज उपलब्ध कराए। ’’

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘‘बस एक मांग, मुख्यमंत्री इस्तीफा दें।’’

बसपा अध्यक्ष और राज्य की पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कहा, “उप्र के जिला लखीमपुर खीरी में तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों पर केन्द्रीय मंत्री के पुत्र द्वारा कथित तौर पर कई किसानों की गाड़ी से रौंद कर की गई हत्या अति-दुःखद। यह भाजपा सरकार की तानाशाही व क्रूरता को दर्शाती है जो कि इनका असली चेहरा भी है।” उन्होंने कहा, “माननीय सुप्रीम कोर्ट इस दुःखद घटना का स्वयं ही संज्ञान ले, बसपा की यह मांग है। साथ ही, बसपा के स्थानीय प्रतिनिधिमंडल को भी घटनास्थल पर जाने का निर्देश दिया गया है।”

भारतीय किसान यूनियन ने ट्वीट कर दावा किया, “लखीमपुर खीरी में आंदोलन कर रहे किसानों को गृह राज्यमंत्री के बेटे ने गाड़ी से रौंदा, तीन किसानों की मौत, तेजेंद्र सिंह विर्क के भी घायल होने की सूचना है। राकेश टिकैत गाजीपुर से निकल रहे हैं।”

राष्‍ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने ट्वीट किया, “लखीमपुर खीरी से दिल दहलाने वाली खबरें आ रही हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का काफिला आंदोलनकारी किसानों पर चढ़ा दिया गया। दो किसानों की मौत हो गई और कई घायल हैं।”

चौधरी ने आगे लिखा, “विरोध को कुचलने का काला कृत्य जो किया है, साजिश जब मंत्री रच रहे हैं, फिर कौन सुरक्षित है।”

लखीमपुर में, पुलिस ने बताया कि शाम को कानून-व्यवस्था के हालात नियंत्रण में आ गए।

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने लखीमपुर खीरी की घटना पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि ऐसी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार इसके कारणों का पता लगाएगी और इसमें शामिल तत्वों को बेनकाब कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेगी।

केंद्रीय मंत्री मिश्रा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मारे गए लोगों में से तीन भाजपा के कार्यकर्ता थे और एक वाहन चालक था। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों के पथराव करने से कार पलट गई। उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘जिन वाहनों को आग लगाई गई उनमें से एक मेरा था। दूसरा वाहन हमारे एक कर्मचारी का था। मेरे वाहन चालक की हत्या कर दी गई।’’

मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी कारों को आग लगाई गई और कार्यकर्ताओं पर हमले किए गए। अगर मैं उनमें से किसी कार में होता तो क्या मैं यहां खड़ा होता।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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