विजयन माकपा विधायक दल के नेता चुने गए, शैलजा को नये मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये जाने से पैदा हुआ विवाद

By भाषा | Updated: May 18, 2021 20:20 IST2021-05-18T20:20:28+5:302021-05-18T20:20:28+5:30

Vijayan was elected leader of CPI (M) Legislature Party, controversy arose over not including Shailaja in new cabinet | विजयन माकपा विधायक दल के नेता चुने गए, शैलजा को नये मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये जाने से पैदा हुआ विवाद

विजयन माकपा विधायक दल के नेता चुने गए, शैलजा को नये मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये जाने से पैदा हुआ विवाद

तिरुवनंतपुरम, 18 मई माकपा के वरिष्ठ नेता पिनराई विजयन मंगलवार को पार्टी विधायक दल के नेता चुने गए। इसके साथ ही उनका लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। वहीं, नये मंत्रिमंडल में ‘रॉकस्टार’ स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा को जगह नहीं मिलने से विवाद पैदा हो गया है।

केरल में कोविड-19 की पहली लहर से कुशलतापूर्वक निपटने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा पा चुकीं शैलजा को आश्चर्यजनक रूप से नये मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से तुरंत दिवंगत के आर गौरी अम्मा से उनकी तुलना की जाने लगी। कद्दावर मार्क्सवादी नेता गौरी अम्मा को कभी मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जाता था, लेकिन ऐसा कभी नहीं हो सका।

हालांकि, शैलजा ने कहा कि नये मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से वह निराश नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भावुक होने की जरूरत नहीं है। मैं पहले पार्टी के फैसले की वजह से मंत्री बनी। मैंने जो किया उससे मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं। मुझे विश्वास है कि नयी टीम मुझसे बेहतर कर सकती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘व्यक्ति नहीं बल्कि व्यवस्था महामारी के खिलाफ लड़ाई को दर्शा रही है। मुझे खुशी है कि मैं टीम का नेतृत्व कर सकी।’’

माकपा के बयान के अनुसार, हालांकि उन्हें पार्टी में सचेतक की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी ने फैसला किया है कि मुख्यमंत्री को छोड़कर मंत्रिमंडल के सभी सदस्य नये चेहरे होंगे।

मंत्रिमंडल में शामिल किये गए नये चेहरों में विजयन के दामाद पी ए मोहम्मद रियास भी शामिल हैं।

माकपा की राज्य समिति ने नयी सरकार में अपने कोटे के मंत्रियों में 11 नये चेहरों को चुना है, जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं। विजयन के नेतृत्व में नये मंत्रियों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 20 मई को यहां सेंट्रल स्टेडियम में शपथ दिलाई जाएगी।

गौरतलब है कि विजयन ने छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) को लगातार दूसरी बार जिताकर इतिहास रचा था। राज्य के इतिहास में 40 साल बाद ऐसा हुआ है कि किसी मोर्चे को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिये विधानसभा चुनाव में जीत मिली है।

शैलजा के अलावा पिछली सरकार में राज्य के वित्त मंत्री रहे थॉमस आईजैक को भी जगह नहीं मिली है।

शैलजा ने कन्नूर के मत्तनूर से सीट से 60,963 मतों के सर्वाधिक अंतर से जीत हासिल की थी। ऐसे में विजयन के नेतृत्व वाली नयी सरकार में उन्हें जगह मिलने की उम्मीद थी, क्योंकि राज्य कोविड-19 की दूसरी लहर का सामना कर रहा है।

लेकिन, तमाम उम्मीदों को दरकिनार हुए शैलजा को नये मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर विभिन्न दलों के नेताओं ने निराशा जताई है।

सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षिका शैलजा ने पिछले साल राज्य में कोरोना महामारी को रोकने में शानदार काम किया था। उन्होंने साल 2018 और 2019 में निपाह वायरस के फैलने के समय भी अच्छा काम किया था।

सोशल मीडिया पर भी लोगों ने शैलजा को नये मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनके प्रशंसक उन्हें ‘शैलजा टीचर’ या ‘टीचर अम्मा’ जैसे नामों से पुकारते हैं।

सोशल मीडिया उपयोक्ताओं ने कहा कि राज्य के कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सामना करने के बीच उन्हें मंत्री नहीं बनाना अच्छा नहीं होगा।

कुछ लोगों ने उनके प्रति एकजुटता दिखाते हुए व्हाट्स ऐप की डीपी में उनकी तस्वीरें लगाई तो कुछ ने इसकी तुलना गौरी अम्मा को 1987 में अंतिम समय में कथित तौर पर मुख्यमंत्री पद से वंचित किये जाने से की।

चुनावों के दौरान यद्यपि गौरी अम्मा को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में तब पेश किया गया था, लेकिन नतीजे आने के बाद पार्टी ने उन्हें कथित तौर पर दरकिनार करके ई के नयनार को मुख्यमंत्री बनाने को तरजीह दी।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि शैलजा, आईजक और अन्य को मंत्रिमंडल में जगह इसलिये नहीं दी गई है क्योंकि वे लगातार दूसरी बार निर्वाचित हुए हैं।

सूत्रों ने कहा कि पार्टी संसदीय राजनीति में दूसरी पीढ़ी के नेताओं को तैयार करना और उन्हें मौका देना चाहती है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि नये मंत्रिमंडल में वरिष्ठों और युवाओं दोनों को मौका मिलेगा।

पार्टी की राज्य समिति के सदस्य एम वी गोविंदन, राज्यसभा के पूर्व सदस्य पी राजीव और के एल बालगोपाल, वरिष्ठ नेताओं के राधाकृष्णन, वी एन वासवन, साजी चेरियनऔर वी शिवनकुट्टी उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें विजयन की दूसरी कैबिनेट में मौका मिला है।

वीना जॉर्ज और माकपा की राज्य इकाई के कार्यकारी सचिव ए विजयराघवन की पत्नी आर बिंदु नये मंत्रिमंडल में शामिल होने वाली महिला सदस्य हैं।

विजयन के दामाद और डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफइंडिया (डीवाईएफआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रियास को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य मुख्यालय एकेजी सेंटर में वरिष्ठ नेता एलमाराम करीम की अध्यक्षता में हुई पार्टी की राज्य समिति की बैठक में एम बी राजेश को पार्टी की ओर से विधानसभा अध्यक्ष पद का प्रत्याशी चुना गया।

इस बीच, माकपा से सबक लेते हुए भाकपा ने भी मंत्रिमंडल में नये चेहरों को मौका दिया है।

भाकपा ने बताया कि नव निर्वाचित विधायक के राजन,पी प्रसाद, जे चिंचू रानी और जी आर अनिल गठबंधन सरकार में पार्टी की ओर से मंत्री बनेंगे।

उसने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और अडूर से विधायक सी गोपकुमार को पार्टी की ओर से विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिये नामित किया गया है।

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