सिल्वर लाइन परियोजना पर विजयन, यूडीएफ में वाक्युद्ध तेज हुआ
By भाषा | Updated: December 27, 2021 16:32 IST2021-12-27T16:32:15+5:302021-12-27T16:32:15+5:30

सिल्वर लाइन परियोजना पर विजयन, यूडीएफ में वाक्युद्ध तेज हुआ
मलप्पुरम (केरल), 27 दिसंबर एलडीएफ सरकार और विपक्षी दल यूडीएफ के बीच सिल्वर लाइन रेल कॉरिडोर को लेकर वाक्युद्ध सोमवार को तेज हो गया और केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लिए आवश्यक विकास की किसी भी पहल को छोड़ा नहीं जाएगा, जबकि विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि इस बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना को लागू कर वह ‘‘ऐतिहासिक शख्सियत’’ बनने की कोशिश कर रहे हैं।
पार्टी के एक सम्मेलन का यहां उद्घाटन करते हुए विजयन ने कहा, ‘‘राज्य का विकास करने वाली परियोजनाओं के साथ सरकार आगे बढ़ रही है। हम देख रहे हैं कि विपक्ष ने एक रुख अपना लिया है कि इसे नहीं होने दिया जाएगा लेकिन सरकार राज्य के लिए आवश्यक किसी भी विकास परियोजना को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।’’
वह प्रत्यक्ष रूप से करोड़ों रुपये की सिल्वर लाइन यानी के-रेल परियोजना पर चल रहे विवाद और इसके क्रियान्वयन को लेकर विपक्षी मोर्चे यूडीएफ की कड़ी आपत्ति का जिक्र कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसी के भी जीवन में परेशानी लाना नहीं चाहती, लेकिन राज्य में विकास के लिए कुछ कदम उठाने की आवश्यकता है।
इस बीच, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने विजयन पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी कोशिश करोड़ों रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजना को लागू कर ‘‘ऐतिहासिक शख्सियत’’ बनने की है, लेकिन इस कोशिश का दुखद अंत होगा।
सतीशन ने यह भी कहा कि विजयन पर ‘विकास रोधी’ का तमगा ज्यादा जंचेगा और मार्क्सवादी पार्टी वो है, जिसने राज्य में विकास की पहलों को सबसे ज्यादा रोका है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस मामले पर सदन में चर्चा करने से इनकार करने पर विजयन सरकार की आलोचना की।
केरल के इतिहास में सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना बतायी जा रही 529.45 किलोमीटर के प्रस्तावित सिल्वर लाइन रेल कॉरिडोर का उद्देश्य दक्षिण में तिरुवंनतपुरम को केरल के ज्यादातर उत्तरी हिस्सों में कासरगोड तक जोड़ना है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 63,000 करोड़ रुपये है।
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