VIDEO: 40 दिन बाद दिल्ली में शराब की दुकानें खुलते हीं उमड़ी भीड़, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
By स्वाति सिंह | Updated: May 4, 2020 14:53 IST2020-05-04T12:24:33+5:302020-05-04T14:53:19+5:30
दिल्ली में शराब खरीदने के लिए लोग इस कदर बेकरार हैं कि दिल्ली के संत नगर, लक्ष्मी नगर, कृष्णा नगर, मालवीय नगर, बुराड़ी आदि इलाकों में सुबह से ही भारी भीड़ दिखाई दे रही है। राज्य के कई इलाकों में शराब के लिए उमड़ी भीड़ पर काबू करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा

सुबह शराब की दुकानें खुलते हीं कई शहरों में लोगों की लंबी कतार लग चुकी है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को शराब की दुकानें खुलने के बाद लगी लंबी कतारों के कारण पुलिस कर्मियों को भीड़ को नियंत्रित करने और सामाजिक दूरी के नियम का पालन कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं मयूर विहार में लोगों के सामाजिक दूरी ना बनाने के कारण वहां एक दुकान को बंद ही कर दिया गया। सरकार के एक अधिकारी के अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) के लॉकडाउन के नियमों में ढील देने के बाद शराब की करीब 150 दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है। ये दुकानें सुबह नौ बजे से शाम साढ़े छह बजे तक खुल सकती हैं। राष्ट्रीय राजधानी में 42 दिन बाद शराब की दुकानें खुली हैं। कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण ये दुकानें बंद थीं। सुबह शराब की दुकानें खुलते हीं कई शहरों में लोगों की लंबी कतार लग चुकी है। जिसके बाद कश्मीरी गेट के पास एक शराब की दुकान के बाहर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
कानों के खुलते ही बुराड़ी, मयूर विहार, गांधी विहार, रोहिणी और जनकपुरी में बड़ी संख्या में लोग दुकानों के बाहर इकट्ठे हो गए। पुलिस कर्मी भीड़ को नियंत्रित करते दिखे क्योंकि इन दुकानों में एक बार में पांच से अधिक लोगों को जाने की अनुमति नहीं हैं। सरकार ने इन दुकानों को चलाने वाली चार सरकारी एजेंसियों को दुकानों पर मार्शल तैनात करने को भी कहा है। शहर में सरकारी एजेंसियों और निजी तौर पर चलाई जाने वाली 850 शराब की दुकानें हैं। आदेश में आबकारी विभाग ने अधिकारियों से एल-7 लाइसेंस प्राप्त निजी दुकानों की पहचान करने को भी कहा है, जो एमएचए के निर्देशों को पूरा करती हों। अधिकारियों से तीन दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। सरकार ने अभी केवल एल-7 और एल-8 लाइसेंस प्राप्त शराब की दुकानों को ही शहर में बिक्री की अनुमति दी है, जो चार सरकारी एजेंसियों द्वारा चलाई जाती है।
#WATCH: Police resorts to mild lathicharge outside a liquor shop in Kashmere Gate after social distancing norms were flouted by people outside the shop. #Delhipic.twitter.com/XZKxrr5ThC
— ANI (@ANI) May 4, 2020
बता दें कि रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली को फिर से खोलने का वक्त आ गया है और लोगों को कोरोना वायरस के साथ रहने के लिये तैयार रहना होगा। उन्होंने लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान ‘रेड जोन’ के लिये केंद्र द्वारा निर्धारित सभी छूट राष्ट्रीय राजधानी में लागू करने की घोषणा की।
केजरीवाल ने कहा, ''केंद्र ने पूरी दिल्ली को ‘रेड जोन’ श्रेणी के तहत रखा है, जिसके चलते बाजार और मॉल नहीं खुल सकते। हमने केंद्र को सिर्फ उन इलाकों को सील करने का सुझाव दिया है, जहां कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं और शेष इलाकों में सभी गतिविधियों की इजाजत दी जा सकती है।’’
उन्होंने कहा कि शात सात बजे से सुबह सात बजे तक लोगों की आवाजाही की इजाजत नहीं होगी, जैसा कि केंद्र ने सुझाव दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमवार से सरकारी और निजी दफ्तर खुलेंगे लेकिन उड़ानों, मेट्रो और बसों पर पाबंदी जारी रहेगी। केजरीवाल ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में ई-कॉमर्स पोर्टलों के जरिये जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरी सेवाओं से जुड़े दिल्ली सरकार के कार्यालय सभी कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ काम करेंगे, जबकि निजी कार्यालय 33 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मॉल, सिनेमा, सैलून, मार्केट कॉम्पलेक्स और दिल्ली मेट्रो बंद रहेगी जबकि आवश्यक वस्तुएं बेचने वाली दुकानें खुलेंगी। ’’ केजरीवाल ने कहा कि विवाह समारोह में 50 लोग जुट सकते हैं। इस बीच, कई व्यापार संगठनों ने पाबंदियों में ढील दिये जाने पर स्थानीय प्राधिकारों से स्पष्टीकरण मांगा है। उनका कहना है कि पड़ोस की दुकान किसे कहा जाए और मोहल्ले की एकमात्र दुकान किसे माना जाए, इसे लेकर भ्रम की स्थिति है।
कांफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस बारे में स्पष्टता का अभाव है। रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने कहा कि मार्केट प्लेस का मतलब गलत परिभाषित किया जा सकता है। आरएआई के सीईओ कुमार राजगोपालन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि राज्य भी भ्रमित हैं और वे वही चीज छाप रहे हैं जो केंद्र भेज रहा है।’’