वीडियो: एम्बुलेंस न मिलने के बाद गर्भवती पत्नी के ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा युवक, घटना मध्य प्रदेश की

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 31, 2022 02:04 PM2022-08-31T14:04:55+5:302022-08-31T14:10:05+5:30

मध्य प्रदेश के दमोह में एक गर्भवती महिला को अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिली तो उसके पति को मजबूरन उसी गंभीर हालत में ठेले पर लाद कर ले जाना पड़ा।

Video: After not getting an ambulance, a young man reached the hospital on a handcart of a pregnant wife, incident of Madhya Pradesh | वीडियो: एम्बुलेंस न मिलने के बाद गर्भवती पत्नी के ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा युवक, घटना मध्य प्रदेश की

साभार- ट्विटर

Highlightsमध्य प्रदेश के दमोह में गर्भवती महिला को अस्पताल जाने के लिए नहीं मिली एम्बुलेंस पति सब्जी लादने वाले ठेले पर लादकर गर्भवती पत्नी को लेकर पहुंचा अस्पताल पति का आरोप है कि उसने एम्बुलेंस के लिए 108 पर कॉल किया लेकिन तीन घटों तक नहीं मिली सेवा

दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह में इंसानियत को शर्मसार करने वाली ऐसी घटना सामने आयी, जिसे देखने के बाद हर कोई दुखी है। जी हां, दमोह में एक गर्भवती महिला को अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिली तो उसके पति को मजबूरन उस गंभीर हालत में ठेले पर लाद कर ले जाना पड़ा।

जब इस घटना का मार्मिक वीडियो सोशल मीडिया पर वायलर हुआ तो दमोह जिला प्रशासन की आंख खुली और अब जिसे के स्वास्थ्य अधिकारी इस मामले में जांच की बात कर रहे हैं। इस मामले में दमोह जिला स्वास्थ्य महकमे के उच्च अधिकारियों का कहना है कि जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की ओर से कई एम्बुलेंस सेवा में हैं, लेकिन आश्चर्य है कि मरीज के परिजन द्वारा 108 सरकारी एंबुलेंस सेवा को कॉल किये जाने पर भी एम्बुलेंस सेवा समय से नहीं पहुंचीं।

इस मामले को प्रशासन की ओर से बेहद गंभीरता से लिया गया है और जांच की जा रही है। सभी एम्बुलेंस के ड्राइवरों से पूछताछ की जा रही है। उनका बयान लिये जाने के बाद अनुशासनात्म कार्रवाई की जाएगा। जानकारी के मुताबिक एम्बुलेंस के अभाव में कैलाश अरिलवाल अपने गर्भवती पत्नी को ठेले पर लेकर पहुंचे।

गर्भवती महिला के पति का आरोप है कि अस्पताल में उनके साथ धक्का-मुक्की भी की गई। कैलाश अहिरवाल का आरोप है कि उन्होंने पत्नी के गर्भावस्था के अंतिम समय एम्बुलेंस की सहायता मांगी लेकिन उन्हें घंटों इंतजार के बाद वो सुविधा नहीं मिली। जिसके बाद उन्हें लगभग दो किलोमीटर ठेले पर पत्नी को लादकर स्थानीय आरोग्य केंद्र ले जाना पड़ा। यही नहीं, जब वो गंभीर हालत में पत्नी को लेकर वहां पहुंचे तो अस्पताल में न तो कोई डॉक्टर था और न ही नर्स।

कैलाश अहिरवार दमोह जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रानेह गांव के निवासी है। उनका कहना है कि तीन घंटे के कठिन इंतजार के बाद जब एंबुलेंस नहीं आयी तो पत्नी की जान बचाने के लिए उन्हें सब्जी लादने वाले ठेले का सहारा लेना पड़ा।

घटना के संबंध में हट्टा के ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरपी कोरी ने कहा कि उन्हें भी कैलाश का वीडियो मिला है और वो अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रहे हैं और जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को रिपोर्ट सौपेंगे। उन्होंने कहा कि संबंधित कर्मचारियों को नोटिस जारी किया जाएगा कि गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस क्यों नहीं मुहैया कराई गई।

इसके साथ ही डॉक्टर आरपी कोरी  ने कहा कि घटना के बाद महिला को प्रसव कराने के लिए सरकारी एंबुलेंस से दमोह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी  चिकित्सकीय देखरेख हो रही है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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