नयी दिल्ली, 10 जुलाई उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को लोगों के बीच टीके को लेकर संदेह को दूर करने की जरूरत पर जोर दिया और कोविड-19 से जुड़ी फर्जी खबरों से निपटने के साथ-साथ मिथकों को दूर करने के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान किया।
लोगों में मानसिक तनाव और भय के प्रभाव को देखते हुए उन्होंने कहा कि कोविड और टीकाकरण के बारे में गलत सूचना गंभीर चिंता का विषय है। उपराष्ट्रपति ने विभिन्न क्षेत्रों, डॉक्टरों और अन्य लोगों से डर को दूर करने और टीकाकरण के महत्त्व पर लोगों में जागरूकता पैदा करने का आग्रह किया।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार यह रेखांकित करते हुए कि भारत दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का संचालन कर रहा है, नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक भारतीय की सामाजिक जिम्मेदारी है कि वह टीका लगवाए और दूसरों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करें।
उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान एक जन आंदोलन बनना चाहिए और इसका नेतृत्व युवाओं को करना चाहिए। उन्होंने हैदराबाद में दुनिया भर के प्रख्यात लेखकों द्वारा तेलुगु में कोविड पर 80 लघु कथाओं की एक पुस्तक 'कोठा (कोरोना) कथालू' के विमोचन के अवसर पर यह टिप्पणी की।
नायडू ने लोगों को महामारी का मुकाबला करने के लिए पांच सिद्धांतों को अपनाने का सुझाव दिया, जो इस प्रकार हैं- एक सक्रिय जीवन शैली अपनाना जिसमें नियमित शारीरिक व्यायाम या योग शामिल हो, आध्यात्मिक सुख के लिए कोशिश करना, स्वस्थ पौष्टिक भोजन का सेवन करना, मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और बार-बार हाथ धोना जैसे कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना और हमेशा प्रकृति की रक्षा और सद्भाव में रहना।
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