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गुजरात में अगले वर्ष से विद्यालयों में वैदिक गणित पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा

By भाषा | Updated: December 23, 2021 21:33 IST

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अहमदाबाद, 23 दिसंबर गुजरात सरकार ने कहा है कि राज्य के विद्यालयों में अगले वर्ष से वैदिक गणित को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। वैदिक गणित को लेकर दावा किया जाता है कि यह अंकगणितीय समस्याओं को हल करने का एक आसान और तेज तरीका है।

शिक्षा मंत्री जीतू वाघानी ने बुधवार को प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती पर यह घोषणा की।

रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को हुआ था।

वाघानी ने देर रात ट्वीट किया, ''महान भारतीय गणितज्ञ रामानुजन के जन्मदिन को भारत में राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर राज्य सरकार ने स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से वैदिक गणित पाठ्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है।''

मंत्री ने कहा कि इस विषय को शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से छठी से 10वीं कक्षा में "राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परिकल्पित भारतीय ज्ञान प्रणाली का प्रसार" करने के लिए पेश किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा, "वैदिक गणित विषय पर छात्रों की पकड़ में सुधार करेगा और विषय को समझने में भी आसानी होगी। यह गणित में छात्रों की रुचि को जगाएगा। ।"

वैदिक गणित एक प्राचीन भारतीय पद्धति है जो अंकगणितीय संक्रियाओं को 16 'सूत्रों' या फॉर्मूलों में एकीकृत करके गणित को सरल बनाती है।

वरिष्ठ शिक्षाविद् और पूर्व स्कूल प्रधानाध्यापक किरीट जोशी ने कहा, ''इससे स्कूली छात्रों की समस्याओं को सुलझाने की क्षमता में सुधार होगा और उन्हें तेजी से हल करने में मदद मिलेगी। वैदिक गणित के विभिन्न सूत्रों के उपयोग से छात्र जटिल योग करने के लिए कैलकुलेटर पर निर्भर नहीं रहेंगे।''

उन्होंने कहा, ''लेकिन वैदिक गणित आधुनिक गणित की जगह नहीं ले सकता। यह पूरक रहेगा।''

गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व सदस्य भास्कर पटेल ने कहा कि यह एक वैकल्पिक विषय होना चाहिए।

गुजरात राज्य शाला संचालक मंडल के अध्यक्ष पटेल ने कहा, ''वैदिक गणित को वैकल्पिक विषय के रूप में पेश किया जा सकता है। यदि आप इसे अनिवार्य कर देते हैं तो यह फायदेमंद साबित नहीं होगा। मुझे लगता है कि एक भी राज्य ऐसा नहीं है, जिसने इस विषय को नियमित पाठ्यक्रम में शामिल किया है। इसे चित्रकारी जैसे एक वैकल्पिक विषय या गतिविधि के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।''

गुजरात सेकेंडरी स्कूल टीचर्स फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष पंकज पटेल ने कहा, ''मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं। वैदिक गणित हमारे प्राचीन ज्ञान का एक हिस्सा है. जो छात्रों को कम समय में गणित की समस्याओं को हल करने की क्षमता में सुधार करने में मदद करेगा।''

उन्होंने दावा किया, ''यहां तक ​​कि दूसरे देश भी अपने छात्रों को वैदिक गणित पढ़ाते रहे हैं।''

वैदिक गणित के समर्थक दावा करते हैं कि यह जटिल समस्याओं को हल करने के लिए आवश्यक चरणों की संख्या को कम करके समाधान को प्राप्त करने के समय को कम करता है और कई दृष्टिकोण प्रदान करता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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