वरवरा राव चिकित्सीय रूप से स्थिर हैं, जेल में आत्मसमर्पण करे : एनआईए ने उच्च न्यायालय में कहा

By भाषा | Updated: December 17, 2021 17:02 IST2021-12-17T17:02:20+5:302021-12-17T17:02:20+5:30

Varavara Rao is medically stable, surrender in jail: NIA to HC | वरवरा राव चिकित्सीय रूप से स्थिर हैं, जेल में आत्मसमर्पण करे : एनआईए ने उच्च न्यायालय में कहा

वरवरा राव चिकित्सीय रूप से स्थिर हैं, जेल में आत्मसमर्पण करे : एनआईए ने उच्च न्यायालय में कहा

मुंबई, 17 दिसंबर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी कवि वरवरा राव का स्वास्थ्य स्थिर है, अत: उन्हें जेल प्राधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करना चाहिए। उन्हें इस साल फरवरी में चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी गयी थी।

एनआईए के वकील संदेश पाटिल ने न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति एस वी कोतवाल की पीठ को बताया कि 83 वर्षीय राव की शहर के निजी नानावती अस्पताल के चिकित्सकों की एक समिति ने इस महीने की शुरुआत में चिकित्सीय जांच की थी। चिकित्सकों की राय है कि राव को चिकित्सीय देखभाल जारी रखने या अस्पताल में भर्ती रहने की आवश्यकता नहीं है।

चिकित्सा आधार पर जमानत दिए जाने से पहले राव नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद थे।

पाटिल ने उच्च न्यायालय में कहा, ‘‘उनकी स्वास्थ्य स्थिति अब स्थिर है और इस अदालत द्वारा उन्हें दी गयी जमानत की अवधि भी खत्म हो गयी है। इसलिए उन्हें अब आत्मसमर्पण करना चाहिए। राव के वकीलों द्वारा उठाए गए अन्य मुद्दों पर बाद में गौर किया जा सकता है।’’

अदालत ने राव को इस साल फरवरी में छह महीने की जमानत दी थी। उन्हें पांच सितंबर को आत्म समर्पण करना था लेकिन उनकी चिकित्सीय देखभाल की जरूरत को देखते हुए उच्च न्यायालय ने कई बार उनके आत्मसमर्पण की अवधि बढ़ायी।

राव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने शुक्रवार को पीठ को बताया कि हालांकि, एनआईए ने राव की चिकित्सा स्थिति पर नानावती अस्पताल की राय सौंप दी है लेकिन कोई भी चिकित्सीय जांच रिपोर्ट इसका समर्थन नहीं करती है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय को राव की मूल चिकित्सा रिपोर्ट पर गौर किए बिना अस्पताल प्राधिकारियों के ऐसे निष्कर्ष को स्वीकार नहीं करना चाहिए।

रिपोर्ट पढ़ने के बाद पीठ ने ग्रोवर से कहा कि अदालत पर दस्तावेज में किए गए दावों की पुष्टि करने के लिए जोर क्यों दिया जाए जब यह स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि उच्च न्यायालय के 18 नवंबर को दिए आदेश के अनुसार राव की जांच की गयी और अस्पताल ने उन्हें चिकित्सीय रूप से स्थिर पाया है।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘आपकी पसंद के अस्पताल ने कहा है कि अब सब कुछ सामान्य है।’’

बहरहाल, ग्रोवर ने कहा कि उच्च न्यायालय को शीर्ष अदालत के आदेशों को ध्यान में रखना चाहिए जिसमें कहा गया है कि एक सक्षम अदालत के पास यह आदेश देने का अधिकार है कि क्या विशेषज्ञ की राय सही है और चिकित्सा रिपोर्टों या तथ्यों पर आधारित है।

इस पर उच्च न्यायालय ने नानावती अस्पताल को राव की मूल चिकित्सा रिपोर्ट 20 दिसंबर तक जमा करने का निर्देश दिया। उसने कहा कि तब तक राव को तलोजा जेल प्राधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने की आवश्यकता नहीं है।

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Web Title: Varavara Rao is medically stable, surrender in jail: NIA to HC

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