वाराणसी: भिखारियों को सम्मान की जिंदगी जीने में मदद करने की अभिनव पहल

By भाषा | Updated: December 12, 2021 18:54 IST2021-12-12T18:54:05+5:302021-12-12T18:54:05+5:30

Varanasi: Innovative initiative to help beggars live a life of dignity | वाराणसी: भिखारियों को सम्मान की जिंदगी जीने में मदद करने की अभिनव पहल

वाराणसी: भिखारियों को सम्मान की जिंदगी जीने में मदद करने की अभिनव पहल

(अरुणव सिन्हा)

लखनऊ, 12 दिसंबर कहते हैं कि भिखारियों के पास चुनने की आजादी नहीं होती, मगर एक कोशिश इस कहावत को झुठला रही है। काशी की एक संस्था भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों को घरेलू सामान का कारोबार करके गरिमापूर्ण जिंदगी जीने में मदद कर रही है।

वाराणसी के एक सामाजिक संगठन 'कॉमन मैन ट्रस्ट' के तहत चलाई जा रही 'बेगर्स कॉरपोरेशन' योजना के तहत एक अभिनव प्रयास किया जा रहा है। यह काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी को वर्ष 2023 तक भिखारी मुक्त बनाने के अभियान के तहत हो रहा है।

ट्रस्ट के मुखिया चंद्र मिश्र ने रविवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि वाराणसी में शुरू की गई यह पायलट परियोजना अगर सफल रही तो इसे देश के बाकी हिस्सों में भी शुरू किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस प्रयास से काशी में भीख मांग कर गुजारा कर रहे लोगों के परिवारों को उम्मीद की नयी किरण मिली है। सबसे पहले यह प्रयास किया जा रहा है कि वे भीख मांगने की आदत छोड़ें और बाद में उन्हें अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए रोजमर्रा की जरूरत का सामान बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है।

मिश्र ने बताया कि प्रशिक्षण हासिल करने के बाद वे परिवार अब झोले, लैपटॉप बैग, कॉन्फ्रेंस बैग तथा ऐसी ही अन्य चीजें बना रहे हैं और अब बेगर्स कॉरपोरेशन को एक वित्तीय लाभकरी कंपनी के तौर पर पंजीकृत कराने की योजना बनायी जा रही है।

उन्होंने कहा कि अब इन परिवारों द्वारा बनाए जा रहे सामान को बाजार में हाथों-हाथ लिया जा रहा है। इस वक्त भिखारियों के 12 परिवार बेगर्स कॉरपोरेशन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और वे सभी भिक्षावृत्ति छोड़ चुके हैं।

मिश्र ने बताया कि इसके साथ-साथ उनकी संस्था वाराणसी के राजेंद्र प्रसाद घाट पर 'स्कूल ऑफ लाइफ' नाम से एक विद्यालय भी संचालित कर रही है जिसमें इस वक्त भिखारियों के परिवार के 32 बच्चे पढ़ रहे हैं।

भविष्य की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि बेगर्स कॉरपोरेशन को मार्च 2022 तक एक वित्तीय लाभकारी संस्था के तौर पर पंजीकृत कराया जाएगा। उसके बाद दान के जरिए ढाई करोड़ रुपए जमा किए जाएंगे और रूपांतरण के पहले चरण में वाराणसी में भिखारियों के 100 परिवारों को शामिल किया जाएगा।

मिश्र ने बताया कि बदलाव की यह प्रक्रिया पूरी होने में तीन-चार महीने का समय लगेगा। उसके बाद धीरे-धीरे इस योजना में और परिवारों को भी शामिल किया जाएगा।

'कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेज' उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष गौरव प्रकाश ने कॉमन मैन ट्रस्ट की इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि इससे भिखारियों के परिवारों को गरिमापूर्ण और सम्मानजनक जिंदगी जीने का मौका मिलेगा। आने वाले समय में यह पहल बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुताबिक जनगणना 2011 के मुताबिक भारत में चार लाख से ज्यादा भिखारी हैं।

मिश्र ने सरकार से आग्रह किया कि वह संस्था को वाराणसी में भिखारियों की पहचान करने और उन्हें पहचान पत्र देने की अनुमति दे, ताकि यह पता लग सके कि वास्तव में भिखारी कौन है? उसने यह काम क्यों शुरू किया? क्या वह किसी गिरोह का हिस्सा है या वाकई जरूरतमंद है।

उन्होंने बताया कि इससे भिखारियों में से बीमार, बुजुर्ग तथा दिव्यांग लोगों को पुनर्वास केंद्रों में ले जाया जा सकेगा। वहीं, 18 से 45 साल की उम्र के लोगों को तीन महीने का प्रशिक्षण देकर उन्हें नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के मॉडल के आधार पर कारोबार करने के लिए कर्ज दिलाया जा सकेगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Varanasi: Innovative initiative to help beggars live a life of dignity

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे