अगले साल तीन जनवरी से 15 साल से 18 साल के किशोरों का टीकाकरण अभियान आरंभ होगा: मोदी

By भाषा | Updated: December 25, 2021 23:07 IST2021-12-25T23:07:28+5:302021-12-25T23:07:28+5:30

Vaccination campaign for adolescents in the age group of 15 to 18 years will start from January 3 next year: Modi | अगले साल तीन जनवरी से 15 साल से 18 साल के किशोरों का टीकाकरण अभियान आरंभ होगा: मोदी

अगले साल तीन जनवरी से 15 साल से 18 साल के किशोरों का टीकाकरण अभियान आरंभ होगा: मोदी

नयी दिल्ली, 25 दिसंबर कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंकाओं और वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के देश में बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि अगले साल तीन जनवरी से 15 से 18 साल की आयु के बीच के किशोरों के लिये टीकाकरण अभियान आरंभ किया जाएगा।

साथ ही 10 जनवरी से स्वास्थ्य व अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को चिकित्सकों की सलाह पर एहतियात के तौर पर टीकों की खुराक दिए जाने की शुरुआत की जाएगी। हालांकि उन्होंने ‘‘बूस्टर डोज’’ का जिक्र ना करते हुए, इसे ‘‘प्रीकॉशन डोज’’ का नाम दिया।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में यह घोषणाएं की। उन्होंने इस अवसर पर देशवासियों से किसी भी प्रकार के अफवाह से बचने और कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रोन से सतर्क रहने की गुजारिश की।

उन्होंने कहा, ‘‘15 साल से 18 साल की आयु के बीच के जो बच्चे हैं अब उनके लिए देश में टीकाकरण आरंभ होगा। वर्ष 2022 में तीन जनवरी को सोमवार के दिन से इसकी शुरुआत की जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि यह फैसला कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को तो मजबूत करेगा ही, स्कूल और कॉलेजों में जा रहे बच्चों की और उनके माता-पिता की चिंता भी कम करेगा।

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चा के कर्मियों के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को सुरक्षित रखने में उन्होंने बहुत बड़ी भूमिका निभाई।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए प्रीकॉशन की दृष्टि से सरकार ने निर्णय लिया है कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की ‘प्रीकॉशन खुराक’ भी प्रारंभ की जाएगी। इसकी शुरुआत 2022 में, 10 जनवरी, सोमवार के दिन से की जाएगी।’’

साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की, ‘‘60 वर्ष से ऊपर की आयु के अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित नागरिकों के लिये, उनके डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन की प्रीकॉशन खुराक का विकल्प उनके लिए भी उपलब्ध होगा। ये भी 10 जनवरी से उपलब्ध होगा।’’

उन्होंने बताया कि कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई शुरू से ही वैज्ञानिक सिद्धांतों, वैज्ञानिक परामर्श और वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित रही है और यह सभी निर्णय भी वैज्ञानिकों के अब तक के अनुभवों को देखते हुए लिए गए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अपनी स्थिति व परिस्थिति के अनुसार भारत के वैज्ञानिकों के सुझाव पर ही टीकाकरण संबंधी व अन्य निर्णय लिए हैं।

ओमीक्रोन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी चर्चा जोरों पर चल रही है और विश्व में इसके अनुभव भी अलग-अलग है तथा अनुमान भी अलग-अलग है।

उन्होंने कहा कि भारत के वैज्ञानिक भी इस पर पूरी बारीकी से नजर रखे हुए हैं और इस पर काम कर रहे हैं।

गौरतलब है कि भारत में अभी तक कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के कुल 415 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 115 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या देश छोड़कर चले गए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार को सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, ओमीक्रोन के सबसे अधिक 108 मामले महाराष्ट्र में सामने आए। इसके बाद दिल्ली में 79, गुजरात में 43, तेलंगाना में 38, केरल में 37, तमिलनाडु में 34 और कर्नाटक में 31 मामले सामने आए।

प्रधानमंत्री ने ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि भय का माहौल ना बनाएं...हां सावधान और सतर्क जरूर रहें। मास्क और हाथों को थोड़ी-थोड़ी देर पर धोना, इन बातों को याद रखें।’’

उन्होंने देशवासियों को आश्वस्त किया कि देश में जल्दी ही नेजल वैक्सीन (नाकों के जरिए टीकाकरण) और दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन भी शुरू होगी।

मोदी ने कहा कि पिछले 11 महीने से देश में जारी टीकाकरण अभियान के दौरान आज भारत 141 करोड़ टीकों की खुराक के ‘‘अभूतपूर्व और बहुत मुश्किल लक्ष्य’’ को पार कर चुका है और भारत की वयस्क जनसंख्या में से 61 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या को टीकों की दोनों खुराक और वयस्क जनसंख्या में से लगभग 90 प्रतिशत लोगों को एक खुराक दी जा चुकी है।

उन्होंने कहा, ‘‘देशवासी इसके लाभ भी महसूस कर रहे हैं। उनकी रोजमर्रा की जिंदगी सामान्य हो रही है और आर्थिक गतिविधियां भी दुनिया के कई देशों की तुलना में उत्साहजनक रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम सभी जानते हैं कि कोरोना अभी गया नहीं है। ऐसे में सतर्कता बहुत जरूरी है।’’

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने पिछले एक साल के दौरान देश भर में तैयार किए गए स्वास्थ्य ढांचे का भी विस्तार से उल्लेख किया और कहा आज देश के पास 18 लाख आइसोलेशन बेड, पांच लाख ऑक्सीजन सुविधा वाले बिस्त, 1.4 लाख आईसीयू बेड और 90,000 विशेष बिस्तर बच्चों के लिए हैं।

उन्होंने कहा कि आज देश में तीन हजार से अधिक कार्यरत पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र और चार लाख ऑक्सीजन सिलेंडर हैं।

उन्होंने कहा कि जांच के लिए आवश्यक सुविधाएं भी राज्यों को मुहैया करायी जा रही है।

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