अल्पसंख्यक आयोग में रिक्तियां तेजी से भरी जाएं: उच्च न्यायालय
By भाषा | Updated: March 8, 2021 18:58 IST2021-03-08T18:58:35+5:302021-03-08T18:58:35+5:30

अल्पसंख्यक आयोग में रिक्तियां तेजी से भरी जाएं: उच्च न्यायालय
नयी दिल्ली, आठ मार्च दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में रिक्तियां भरने की मांग सबंधी एक अर्जी के जवाब में केंद्र की ओर से दाखिल हलफनामे को सोमवार को ‘पूरी तरह असंतोषजनक’ करार दिया।
न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह ने कहा कि आयोग में अध्यक्ष तथा बौद्ध, ईसाई, पारसी, सिख और जैन समुदायों से सदस्यों समेत विभिन्न पदों पर केंद्र सरकार द्वारा निश्चित समय-सीमा में भर्ती तेजी से की जानी चाहिए।
अदालत ने कहा कि यह स्वीकार किया गया है कि छह पदों में से पांच खाली हैं।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘ यह तर्क कि प्रसिद्ध, योग्यता एवं सत्यनिष्ठा वाले व्यक्तियों की नियुक्ति की जानी है, का मतलब यह नहीं है कि उक्त नियुक्तियां तेजी से नहीं की जाएं। इन रिक्तियों को तेजी से भरा जाए और यह काम उपयुक्त सीमा सीमा के अंदर हो। ’’
न्यायमूर्ति सिंह ने केंद्र को विशिष्ट नियुक्ति पर समयसीमा के साथ रिपोर्ट एक सप्ताह में पेश करने का निर्देश दिया। उसने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 15 अप्रैल तय की।
याचिकाकर्ता अभय रतन बौद्ध ने कहा है कि अक्टूबर, 2020 से आयोग में केवल उपाध्यक्ष ही कामकाज देख रहे हैं।
अदालत अल्पसंख्यक मंत्रालय के हलफनाने पर गौर कर रही है जिसमें कहा गया है कि अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम में उसके सदस्यों की नियुक्ति की कोई समय सीमा तय नहीं की गयी लेकिन प्रशासन रिक्तियां भरने पर उचित ध्यान दे रहा है।
न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि वह इस हलफनामे से ‘अंचभित’ हैं, हलफनामे से ऐसा लगता है कि मंत्रालय कह रहा है कि फिलहाल रिक्तियों को भरने की उसकी मंशा नहीं है।
अदालत ने कहा, ‘‘ कुछ कदम उठाने की जरूरत है।
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