उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चतुर्वेदी से जुड़े मामले के स्थानांतरण के खिलाफ याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

By भाषा | Updated: December 18, 2020 19:11 IST2020-12-18T19:11:42+5:302020-12-18T19:11:42+5:30

Uttarakhand High Court seeks response from Center on plea against transfer of case related to Chaturvedi | उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चतुर्वेदी से जुड़े मामले के स्थानांतरण के खिलाफ याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चतुर्वेदी से जुड़े मामले के स्थानांतरण के खिलाफ याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नौकरशाहों की वरीयता सूची और मूल्यांकन प्रक्रिया को चुनौती देने वाले आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की याचिका पर केंद्र, कैट के अध्यक्ष एल नरसिम्हा रेड्डी और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) समेत अन्य को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।

केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की नैनीताल पीठ ने अगस्त में चतुर्वेदी की याचिका पर सुनवाई की थी। उस दौरान प्रतिवादी ने केंद्र सरकार के जवाब के लिए समय देने का अनुरोध किया गया था।

पीठ ने सितंबर में केंद्र सरकार के वकील को 10 दिन का समय देते हुए उन्हें अपनी ‘शुरुआती दलीलें’ रखने को कहा था। केंद्र सरकार ने 22 सितंबर को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कुछ और समय देने का आग्रह किया तथा अक्टूबर में कैट की प्रधान पीठ के समक्ष एक स्थानांतरण याचिका दायर कर इस मामले को नैनीताल सर्किट बेंच से न्यायाधिकरण की प्रधान पीठ के पास भेजने का अनुरोध किया गया।

चतुर्वेदी ने अपनी याचिका में दावा किया कि उन्हें ‘‘प्रति पहले से मुहैया नहीं करायी गयी।’’

कैट अध्यक्ष ने चार दिसंबर को इस मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र की याचिका मंजूर करते हुए कहा कि इस तरह के मामलों से केंद्र सरकार के कामकाज पर असर पड़ता है। ऐसा प्रतीत होता है कि मूल याचिका पर प्रधान पीठ में सुनवाई होनी चाहिए।

भारतीय वन सेवा के 2002 बैच के अधिकारी चतुर्वेदी ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में दावा किया है कि उनके वकील का माइक ‘म्यूट’ कर दिया गया और उनका निवेदन सुने बिना याचिका मंजूर कर ली गयी।

कैट अध्यक्ष पिछले साल मार्च में चतुर्वेदी की तीन अन्य याचिकाओं पर सुनवाई से अलग हो गए थे।

फैसले के बाद चतुर्वेदी ने केंद्र और कैट अध्यक्ष रेड्डी के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने बुधवार को नोटिस जारी कर शेष संबंधित पक्षों से चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है।

उत्तराखंड के हलद्वानी में मुख्य वन संरक्षक के तौर पर काम कर रहे चतुर्वेदी ने इस साल फरवरी में न्यायाधिकरण की नैनीताल पीठ के समक्ष याचिका दाखिल कर संयुक्त सचिव और ऊपरी स्तर के अधिकारियों के ‘अप्रेजल सिस्टम’ तथा ‘लेटरल एंट्री’ के जरिए सरकारी पदों पर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की भर्ती को चुनौती दी थी।

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