बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ीं: आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने भेजा नोटिस, सर्दी-खांसी की दवा के लाइसेंस पर कोरोना की दवा बनाने का आरोप
By स्वाति सिंह | Published: June 24, 2020 02:49 PM2020-06-24T14:49:25+5:302020-06-24T15:02:41+5:30
उत्तराखंड की आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा दवाई लॉन्च किए की दवा पर सवाल उठाया है।
नई दिल्ली:पतंजलि द्वारा निर्मित कोरोना वायरस के लिए कोरोनिल दवाई लॉन्च होते ही विवादों में घिर गई है। बुधवार को बाबा रामदेव की दवा को एक और झटका लगा है। इस बार उत्तराखंड की आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने बाबा की दवा पर सवाल उठाया है। वहीं, मंगलवार को स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा दवाई लॉन्च किए जाने के बाद भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने दवाई के प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी थी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अथॉरिटी के उपनिदेशक यतेंद्र सिंह रावत ने कहा, 'बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को कोरोना की दवा के लिए नहीं बल्कि इम्युनिटी बूस्टर और खांसी-जुकाम की दवा के लिए लाइसेंस जारी किया गया था। लेकिन उन्हें मीडिया के माध्यम से ही पता चला कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि द्वारा कोरोना की किसी दवा का दावा किया जा रहा है।
As per Patanjali's application, we issued them license. They didn't mention coronavirus, we only approved license for immunity booster, cough & fever. We'll issue them a notice asking how they got permission to make the kit (for COVID19): Licence Officer, Uttarakhand Ayurved Dept pic.twitter.com/I7CWKoJhbK
— ANI (@ANI) June 24, 2020
पतंजलि को नोटिस जारी
रावत ने कहा 'भारत सरकार का निर्देश है कि कोई भी कोरोना के नाम पर दवा बनाकर उसका प्रचार-प्रसार नहीं कर सकता। आयुष मंत्रालय से वैधता मिलने के बाद ही ऐसा करने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल, विभाग की ओर से पतंजलि को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने का दावा करते हुए मंगलवार (23 जून) को बाजार में एक टैबलेट उतारी। इस दवा का नाम 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' (Divya Coronil Tablet) है।
इस मद्दे पर आयुष मंत्री श्रीपद नाइक का बयान आया है। श्रीपद नाइक ने आज (24 जून) को कहा है, ''यह अच्छी बात है कि बाबा रामदेव ने देश को एक नई दवा दी है, लेकिन नियम के अनुसार, पहले जांच के लिए उसे आयुष मंत्रालय में आना होगा। उन्होंने यहां तक कहा कि उन्होंने ( पतंजलि) एक रिपोर्ट भेजी है। हम इसे देखेंगे और रिपोर्ट देखने के बाद अनुमति दी जाएगी।''
It's a good thing that Baba Ramdev has given a new medicine to the country but as per rule,it has to come to AYUSH Ministry first.They even said that they have sent a report. We'll look into it&permission will be given after seeing the report: Shripad Naik,AYUSH Minister #COVID19pic.twitter.com/SYJH5RroAt
— ANI (@ANI) June 24, 2020
आयुष मंत्रालय ने कहा- जांच-पड़ताल होने तक दवाई का पतंजलि प्रचार ना करें
योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा कोरोना किट लॉन्च करने के कुछ घंटे बाद 23 जून को आयुष मंत्रालय ने कहा था कि पतंजलि को इस औषधि में मौजूद विभिन्न जड़ी-बूटियों की मात्रा एवं अन्य ब्योरा यथाशीघ्र उपलब्ध कराने होगा। आयुष मंत्रालय ने साथ में यह भी कहा कि विषय की जांच-पड़ताल होने तक कंपनी को इस उत्पाद का प्रचार भी बंद करने का आदेश दिया है।
आयुष मंत्रालय ने कहा था कि इस दवा के तथ्य और बताया जा रहे वैज्ञानिक अध्ययन के ब्योरे के बारे में उसे जानकारी नहीं है। पतंजलि को नमूने के आकार, स्थान एवं उन अस्पतालों का ब्योरा देने को कहा गया था, जहां अनुसंधान अध्ययन किया गया। साथ ही, संस्थागत नैतिकता समिति की मंजूरी भी दिखाने को कहा गया है।