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उत्तराखंड: मुख्यमंत्री की बैठक से नाराज होकर निकले मंत्री हरक सिंह रावत, इस्तीफे की धमकी दी, भाजपा ने किया नाराजगी दूर करने का दावा

By विशाल कुमार | Updated: December 25, 2021 13:04 IST

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में वन, पर्यावरण, श्रम और रोजगार विभाग संभालने वाले रावत ने अपने निर्वाचन क्षेत्र कोटद्वार में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज को लेकर राज्य सरकार की कथित निष्क्रियता से नाराज होकर बाहर चले गए थे।

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ठळक मुद्देअपने क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज को मंजूरी में देरी को लेकर नाराज हैं कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत।प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि रावत ने अपना गुस्सा जाहिर किया था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया।भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि मुद्दे को हल कर लिया गया है। 

देहरादून: उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कथित तौर पर पद से इस्तीफा देने की धमकी दी है, जो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में भाजपा के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में वन, पर्यावरण, श्रम और रोजगार विभाग संभालने वाले रावत ने अपने निर्वाचन क्षेत्र कोटद्वार में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज को लेकर राज्य सरकार की कथित निष्क्रियता से नाराज होकर बाहर चले गए थे।

हालांकि, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि रावत ने अपने क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज को मंजूरी देने में देरी पर अपना गुस्सा जाहिर किया था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया।

राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि रावत ने हालांकि इस्तीफा देने की धमकी दी थी, लेकिन उनकी ओर से कोई इस्तीफा नहीं मिला.

नाराजगी दूर करने की जिम्मेदारी पाने वाले भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा नेता अनिल बलूनी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सहायता से मुद्दे को हल कर लिया गया है। 

विधायक ने कहा कि कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज खोलने के उनके प्रस्ताव को मान लिया गया है और उन्हें आश्वस्त किया गया है कि इस परियोजना के लिए बजट सोमवार को जारी किया जाएगा। 

यह पूछे जाने पर कि क्या रावत इस्तीफा नहीं देने के लिए राजी हो गए हैं, काऊ ने कहा,‘‘कोई कहीं नहीं जा रहा है। हम सब भाजपा के सच्चे सिपाही की तरह काम करेंगे।’’

हालांकि, इससे पहले भी रावत ने कहा था कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।

रावत 2017 में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए और कोटद्वार विधानसभा सीट से जीते थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि रावत अपना गुस्सा जताने के बाद कांग्रेस में वापस लौट सकते हैं।

रावत ने 2014 के आम चुनाव में गढ़वाल से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। इससे पहले, वह 1990 के दशक में उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह सरकार में मंत्री थे।

ताजा घटनाक्रम भाजपा के लिए एक नई मुसीबत है जिसने उत्तराखंड में धामी को मुख्यमंत्री बनाने से पहले ही दो मुख्यमंत्रियों - त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत को बदल चुकी है।

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