लखनऊ। कोरोना वायरस संकट की वजह से उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी एनपीआर 2021 का काम स्थगित कर दिया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए उत्तर प्रदेश में जनगणना के कार्यों को अगले आदेशों तक के लिए रोक दिया गया है। प्रथम चरण में मकानों का सूचीकरण एवं उसकी गणना का कार्य होना था। इसके लिए 16 मई से 20 जून तक का समय निर्धारित किया गया था। प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। उन्होंने सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को देश के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त की तरफ से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र के हवाले से जनगणना के प्रथम चरण के कार्यों को अगले आदेशों तक स्थगित किए जाने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि 16 मई से 20 जून तक होने वाले मकानों के सूचीकरण, मकानों की गणना, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तथा जनगणना को संचालित किए जाने के संबंध में होने वाले अन्य क्रियाकलापों को स्थगित कर दिया जाए।
बता दें कि एनपीआर से जुड़ी दोनों प्रक्रियाएं एक अप्रैल से 30 सितंबर के बीच पूरी की जानी थी। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि जनगणना को दो चरणों में पूरा किया जाना था। इनमें पहले चरण के तहत अप्रैल से सितंबर के दौरान मकान सूचीकरण और मकानों की गणना तथा नौ से 28 फरवरी के दौरान आबादी की गणना शामिल है। असम को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2021 की जनगणना के पहले चरण के साथ ही एनपीआर को अद्यतन किया जाना भी प्रस्तावित था। अधिकारियों ने कहा कि चूंकि जनगणना और एनपीआर प्रक्रिया में कर्मियों को हर घर जाने और लोगों से मिलने की आवश्यकता होती है। मौजूदा स्थिति के कारण ऐसा करना संभव नहीं है। इसलिए इसे स्थगित करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है।
गृह मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि जनगणना की तैयारी और एनपीआर को अपडेट करने के काम की तैयारियां चरम पर हैं और यह काम एक अप्रैल से शुरू होगा। कई राज्य सरकारों ने एनपीआर का विरोध किया है। इन राज्यों में केरल, पश्चिम बंगाल, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और बिहार शामिल हैं। हालांकि, उनमें से अधिकतर ने यह भी कहा कि वे जनगणना के दौरान घरों के सूचीकरण में सहयोग करेंगे।