वाराणसीः गीता प्रेस के अध्यक्ष और धार्मिक पत्रिका कल्याण के संपादक राधेश्याम खेमका का शनिवार दोपहर को निधन हो गया। वह पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे।
उनके पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उनका हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार किया गया और उनके पुत्र राजा राम खेमका ने उन्हें मुखाग्नि दी। राधेश्याम खेमका पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और रविन्द्रपुरी स्थित एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उनके परिवार में पुत्र राजा राम खेमका और पुत्री राज राजेश्वरी चोखानी हैं।
वर्ष 1982 में कल्याण पत्रिका के संपादकत्व का दायित्व संभाला था। तब से अब तक कल्याण ने एक मुकाम हासिल किया है। गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित कल्याण के संपादक राधेश्याम खेमका की धर्मसेवा तथा तपोनिष्ठा की शुरुआत वर्ष 1982 में हुई थी। तब से अब तक उन्होंने अपनी देखरेख में अनेक मुकाम हासिल किए। वैसे तो गीता प्रेस ने वर्ष 1926 में कल्याण पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया था।
प्रधानमंत्री ने गीता प्रेस के अध्यक्ष खेमका के निधन पर शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गीता प्रेस के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका के निधन पर शोक व्यक्त करके हुए रविवार को कहा कि खेमका जीवनभर विभिन्न सामाजिक सेवाओं में सक्रिय रहे। खेमका का शनिवार को निधन हो गया था। वह पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। मोदी ने कहा कि खेमका सनातक साहित्य को आमजन तक लेकर गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी संवेदनाएं खेमका के परिजन एवं उनके प्रशंसकों के साथ हैं।
राधेश्याम खेमका ने 40 वर्षों तक गीताप्रेस में कल्याण समेत अनेक धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया। वे वाराणसी की प्रसिद्ध संस्थाओं मारवाड़ी सेवा संघ, मुमुक्षु भवन, श्रीराम लक्ष्मी मारवाड़ी अस्पताल, बिड़ला अस्पताल, काशी गोशाला ट्रस्ट से भी जुड़े रहे।