बसपा प्रमुख मायावती को लग सकता है झटका, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले आरएस कुशवाहा, विधानसभा चुनाव से पहले थाम सकते हैं दामन!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 27, 2021 20:11 IST2021-09-27T20:09:20+5:302021-09-27T20:11:13+5:30
सपा ने दोनों नेताओं के बीच बैठक की एक तस्वीर टैग करते हुए ट्वीट किया, "बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आर एस कुशवाहा ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से शिष्टाचार मुलाकात की।"

वर्ष 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने-अपने बलबूते पर लड़ेंगी।
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय महासचिव आर. एस. कुशवाहा ने सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। कुशवाहा ने सपा राज्य मुख्यालय में अखिलेश से मुलाकात की।
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले हुई इस मुलाकात को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सपा ने दोनों नेताओं के बीच बैठक की एक तस्वीर टैग करते हुए ट्वीट किया, "बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आर एस कुशवाहा ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से शिष्टाचार मुलाकात की।"
कुशवाहा ने कहा, "हां मैंने अखिलेश जी से मुलाकात की। यह एक शिष्टाचार भेंट थी।" हालांकि, उन्होंने सपा मुखिया से हुई बातचीत के बारे में विस्तार से कुछ भी नहीं बताया। लखीमपुर के रहने वाले कुशवाहा ने वर्ष 2018 में सपा और बसपा के बीच महागठबंधन के दौरान बसपा के प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाई थी।
बहुजन समाज पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री आर.एस. कुशवाहा जी ने माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से की शिष्टाचार भेंट। pic.twitter.com/9rQC8vIYy2
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) September 27, 2021
पूर्व में विधायक और विधान परिषद सदस्य रह चुके कुशवाहा ने वर्ष 2009 में रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इससे पहले, बसपा से निष्कासित किए जा चुके वरिष्ठ नेता लालजी वर्मा और राम अचल राजभर ने भी पिछले हफ्ते अखिलेश से मुलाकात की थी। उस बैठक को भी एक शिष्टाचार भेंट कहा गया था।
उस वक्त ऐसी अटकलें लगाई गई थीं कि वर्मा और राजभर सपा के टिकट पर अगला विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। लालजी वर्मा जहां बसपा विधायक दल के नेता थे, वहीं राजभर इसी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्मा और राजभर को बसपा प्रमुख मायावती ने गत तीन जून को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में दल से निष्कासित कर दिया था। गौरतलब है कि सपा और बसपा दोनों ने ही ऐलान किया है कि वे वर्ष 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने-अपने बलबूते पर लड़ेंगी।