PM मोदी के सपने को दो आईटी प्रोफेशनल ने किया पूरा, बना डाला भारत का पहला स्मार्ट गांव
By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: July 6, 2018 11:35 IST2018-07-06T08:52:01+5:302018-07-06T11:35:59+5:30
अगर किसी गांव में 18 से 20 घंटे बिजली और शहरों जैसी सारे सुख सुविधाएं मिले तो क्या उसको गांव का जाएगा।

PM मोदी के सपने को दो आईटी प्रोफेशनल ने किया पूरा, बना डाला भारत का पहला स्मार्ट गांव
रायबरेली, 6 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटी के सपने का होना इतना आसान भी नहीं हैं। फिर भी दो लोगों ने ये करके दिखाया है। अगर किसी गांव में 18 से 20 घंटे बिजली और शहरों जैसी सारे सुख सुविधाएं मिले तो क्या उसको गांव का जाएगा। उत्तर प्रदेश के रायबरेली के तौधकपुर में एक गांव ऐसा ही है।
दरअसल यहां के दो आईटी प्रोफेशनल योगेश साहू और रजनीश वाजपेयी की कोशिश की बदौलत उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदली हुई नजर आती है। खबर के अनुसार इन दोनों ने एक मोबाइल एप बनाया है जिससे गांव को स्मार्ट बनाया जा सके। जिसके जरिये कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में स्थित इस गांव का संपर्क पूरी दुनिया से हो गया है। इस एप के लिए बाजार के हिसाब से किसान अपनी खेती की उपज की जानकारी मिलती है।
इतना ही नहीं गांव में जो कुछ विकास के काम होते हैं उसे इस एप के जरिये रिकॉर्ड, ट्रैक और मॉनिटर किया जा सकता है। इस एप में गांव की फोन डायरेक्टरी, खबरों के लिए सेक्शन, इवेंट्स की सूची, हेल्थ सेंटर और इनफॉर्मेशन सेंटर मौजूद है। इस एप को इस तकनीकि से बनाया गया है जिससे गांव के लोग भी इसको शहरी जिंदगी की तरह जिएं।
इसकी कोशिश योगेश साहू और रजनीश वाजपेयी के कारण हुई है और उन दोनों को ये आइडिया पीएम मोदी के स्मार्ट गांव के भाषण सुनने के बाद आया है। खबर के अनुसार 2015 में अमेरिका दौरे के दौरान पीएम ने सैन जोस सेंटर में एक भाषण में कहा था, “कभी मेरे देश में हमलोग सुना करते थे कि भारत से ब्रेन ड्रेन को रोकने के लिए कुछ करना पड़ेगा, भारत की धरती कई ‘मोती’ पैदा करती है…ये ब्रेन ड्रेन ब्रेन गेन भी बन सकता है।
इसको सुनने के बाद ही दोनों ने इस एप को बनाया है। वहीं, भारत के गांवों में इंटरनेट का इस्तेमाल हर साल 26 फीसदी बढ़ रहा है। इन दोनों ने इसी को आधार बनाकर एक एप विकसित किया। भले इस गांव की तस्वीर इस एप के जरिए बदल गई हो लेकिन इसको स्मार्ट बनाने में तीन साल का समय लगा है। अब ये दोनों इस कोशिश में और भी गांवों को विकास की ओर ले जाने की कोशिश में लग गए हैं।