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Uttar Pradesh rains alert: कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, सीतापुर, बाराबंकी और गोंडा में भारी बारिश को लेकर ‘रेड अलर्ट’, 19 लोगों की मौत

By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 12, 2023 17:54 IST

Uttar Pradesh rains alert: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है और मौसम विभाग ने छह जिलों में भारी बारिश का अंदेशा जताते हुए अलर्ट जारी किया है।

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ठळक मुद्देप्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक के सभी स्कूल 12 सितंबर को बंद रहेंगे।बहराइच तथा बाराबंकी के कुछ इलाकों में 250 मिमी बारिश हुई है। बारिश के कारण 19 लोगों की मौत हो गई।

Uttar Pradesh rains alert: उत्तर प्रदेश के कई जिले भारी बारिश की चपेट में हैं। पिछले 24 घंटों में राज्य में 19 लोगों की मौत हो गई है। भारी बारिश से सामान्य जनजीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है। बाराबंकी और लखीमपुर खीरी जिलों में खराब मौसम की स्थिति और आईएमडी की मौसम चेतावनी के मद्देनजर प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक के सभी स्कूल 12 सितंबर को बंद रहेंगे।

राहत आयुक्त कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि बहराइच तथा बाराबंकी के कुछ इलाकों में 250 मिमी बारिश हुई है। राज्य में सोमवार को बारिश के कारण 19 लोगों की मौत हो गई। बारिश के कारण कुछ जिलों में स्कूलों को एक से दो दिन के लिए प्रशासन ने बंद कर दिया था। मंगलवार को आसमान साफ होने के साथ राज्य की राजधानी में स्कूल फिर से खुल गए।

मौसम कार्यालय ने छह जिलों- लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, सीतापुर, बाराबंकी और गोंडा के लिए भारी बारिश का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है और चार जिलों-हरदोई, लखनऊ, सिद्धार्थनगर और बस्ती के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। गोंडा में सुबह से मौसम साफ रहने के बाद मंगलवार को अपराह्न साढ़े तीन बजे से वर्षा शुरू हो गई।

रात में हुई बरसात से निचले इलाकों में पानी भर गया था। जिला चिकित्सालय परिसर में भी पानी भरा हुआ है। गोंडा जिला प्रशासन ने मंगलवार सुबह आज के लिए सभी स्कूल कॉलेज बंद रखने का आदेश जारी किया। जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि जिले के तरबगंज तहसील में आकाशीय बिजली गिरने से दो भैंसों की मौत हो गई।

उनके मुताबिक, इसके अलावा किसी अन्य जान और माल की हानि की सूचना नहीं है। बाराबंकी जिले में सोमवार को भारी बारिश के कारण शहर के कई मोहल्ले टापू बन गए। अधिकारियों ने बताया कि राहत व बचाव के लिए पहुंचे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के दल जलभराव वाले इलाकों से अब तक 500 लोगों को बाहर निकाल चुके हैं और राहत सामग्री बांटी जा रही है। अयोध्या मंडल के आयुक्त व पुलिस महानिरीक्षक ने आज प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।

अयोध्या मंडल के आयुक्त सौरभ दयाल ने प्रभावित मोहल्लों का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों को बताया, “ शहरी क्षेत्र के 10 से ज्यादा मोहल्ले बरसात के पानी में डूब गए हैं। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की 12 नौकाएं इस समय जलजमाव से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य में लगी हैं और लोगों को बाहर निकाल रही हैं।”

राहत आयुक्त कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि पिछले 48 घंटों में राज्य के सात जिलों में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है और 10 अन्य जिलों में 50 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है। उन्होंने बताया कि दो जिलों-- बहराइच और बाराबंकी के कुछ हिस्सों में 250 मिमी से अधिक बारिश हुई है।

अधिकारी ने कहा कि नगर निगम के दल विभिन्न हिस्सों में चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं ताकि जलजमाव की समस्या से निपटा जा सके और क्षेत्रों को बारिश के पानी से मुक्त कराया जा सके। उन्होंने बताया,“ राज्य के सभी तटबंध सुरक्षित हैं और कहीं से किसी के टूटने की खबर नहीं है। सिंचाई विभाग के अधिकारी-कर्मचारी लगातार प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हालात पर नजर बनाए हुए है।”

उन्होंने बताया कि फिलहाल कोई भी नदी कहीं भी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है लेकिन पलिया कलां (लखीमपुर खीरी) में शारदा खतरे के निशान के आसपास बह रही है। अधिकारी के मुताबिक, इसके अलावा, मुरादाबाद में रामगंगा नदी और बाणसागर (मिर्जापुर) में सोन नदी के जलस्तर में वृद्धि की प्रवृत्ति दर्ज की गई है।

अधिकारी ने कहा कि आपदा की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को जिलों में तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि जिलों में भोजन के पैकेट और खाद्यान्न वितरण के साथ-साथ तिरपाल शीट और अन्य आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया जा रहा है और चिकित्सा विभाग के साथ ही पशुपालन विभाग के दल भी तैनात किए गए हैं।

सब कुछ नियंत्रण में होने का भरोसा देते हुए अधिकारी ने कहा कि राहत आयुक्त कार्यालय में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र 24 घंटे चालू है और साथ ही आम लोगों के लिए टोल फ्री नंबर भी है। अधिकारी ने कहा कि राहत कार्यों के लिए जिलों को पहले ही धन आवंटित किया जा चुका है।

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