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उत्तर प्रदेश: पूर्व बीजेपी सांसद सावित्रीबाई फुले ने थामा कांग्रेस का हाथ, प्रियंका गांधी ने किया स्वागत

By स्वाति सिंह | Updated: March 2, 2019 23:11 IST

उत्तर प्रदेश के बहराइच लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की सांसद सावित्री बाई फुले ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। बीजेपी को छोड़ने के बाद सावित्री बाई फुले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था।

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बीजेपी से इस्तीफा दे चुकीं बहराइच की सांसद सावित्रीबाई फुले ने शनिवार को कांग्रेस का हाथ थामा है। इसके साथ ही फतेहपुर के पूर्व सांसद राकेश सचान भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं। दोनों नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने पर उत्तर प्रदेश की नवनिर्वाचित महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरदित्य सिंधिया ने स्वागत किया है। 

सावित्री ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव-प्रभारी (पूर्वी उत्तर प्रदेश) प्रियंका गांधी वाड्रा और महासचिव-प्रभारी (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में पार्टी की पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उनके साथ ही फतेहपुर से पूर्व सांसद राकेश सचान भी कांग्रेस में शामिल हुए।कांग्रेस की ओर से जारी संक्षिप्त बयान में कहा गया है, "कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सानिध्य में आज सावित्री बाई फुले (सांसद, बहराइच) और राकेश सचान (पूर्व सांसद, फतेहपुर) कांग्रेस परिवार का हिस्सा बने।' पार्टी ने कहा, 'उप्र महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एवं ज्योतिरदित्य सिंधिया ने दोनों नेताओं का कांग्रेस परिवार में स्वागत किया।'

गत लोकसभा चुनाव में सावित्री भाजपा के टिकट पर बहराइच से निर्वाचित हुईं थी। पिछले साल दिसंबर में उन्होंने भाजपा पर अपनी उपेक्षा करने और समाज में बंटवारे की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के बहराइच लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की सांसद सावित्री बाई फुले ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। बीजेपी को छोड़ने के बाद सावित्री बाई फुले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था।

सावित्री बाई फुले ने कहा था कि 'चौकीदार की नाक के नीचे और उनकी मर्जी से गरीबों का पैसा लूटा जा रहा है। बीजेपी और संघ समाज को बांटने का काम कर रही है।'

इसके साथ ही सावित्री बाई ने पीएम मोड़ू पर देश के संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया है।

उल्लेखनीय है कि फूले कई मौकों पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देकर पहले भी विवादों में रही हैं। वह अनुसूचित जातियों से जुड़े मुद्दों पर भाजपा की कटु आलोचना करती रहीं हैं। पार्टी इस समुदाय को लुभाने की कोशिश करती रही है। फुले के जाने से उसकी इस कवायद को धक्का लगा है। 

बहराइच से सांसद ने दलित नेता बी आर आंबेडकर की पुण्यतिथि को इस्तीफे के लिए चुना। उन्होंने कहा कि वह संविधान को अक्षरश: लागू करवाना चाहती हैं।

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