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उत्तर प्रदेश: औरैया सड़क हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ कर हुई 26

By भाषा | Updated: May 18, 2020 05:50 IST

अधिकारियों के अनुसार दोनों ही वाहनों पर वे मजदूर सवार थे, जिन्हें लॉकडाउन के दौरान काम नहीं मिल रहा था और उनके पास ना तो पैसा था और ना ही भोजन का प्रबंध । ये सभी अपने घरों को जल्द से जल्द पहुंचना चाहते थे।

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ठळक मुद्देउत्तर प्रदेश के औरैया सड़क हादसे में घायल एक और प्रवासी मजदूर की रविवार को मौत हो जाने के साथ मृतक संख्या बढ़कर 26 हो गई है।मृतकों की संख्या का ताजा आंकड़ा बताते हुए पुलिस ने कहा कि हादसे में अब तक कुल 26 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई है, जबकि 34 अन्य घायल हैं ।

उत्तर प्रदेश के औरैया सड़क हादसे में घायल एक और प्रवासी मजदूर की रविवार को मौत हो जाने के साथ मृतक संख्या बढ़कर 26 हो गई है। औरैया पुलिस ने एक बयान में बताया कि शनिवार तड़के लगभग तीन बजे ट्रक और डीसीएम वाहन के बीच हुई टक्कर के बाद दोनों वाहन सड़क किनाने गड्ढे में पलट गये। इस हादसे में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गयी थी, जबकि 36 अन्य घायल हो गये।

पुलिस ने बताया कि दुर्घटना तिकौली गांव में शिवाजी ढाबे के निकट हुई। मृतकों की संख्या का ताजा आंकड़ा बताते हुए पुलिस ने कहा कि हादसे में अब तक कुल 26 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई है, जबकि 34 अन्य घायल हैं ।

पुलिस के अनुसार दोनों ही वाहनों के ड्राइवरों, मालिकों और ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ औरैया के कोतवाली थाने में भारतीय दंड संहिता, महामारी कानून और मोटर वाहन कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है । पुलिस ने बताया कि मामले की जांच चल रही है ।

दोनों ही वाहनों के ड्राइवरों, मालिकों और ट्रांसपोर्टरों को गिरफ्तार करने के प्रयास किये जा रहे हैं । दुर्घटना में घायल 32 प्रवासी मजदूरों को सैफई आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राज कुमार ने बताया कि चार प्रवासी मजदूरों की हालत अत्यंत चिन्ताजनक है। सात अन्य मजदूरों की हालत गंभीर है । अन्य मजदूरों को उपचार के बाद दो दिन में अस्पताल से छुटटी मिल सकती है।

औरैया हादसे के बाद पुलिस अधीक्षक सुनीति ने अजीतमल के अनंतराम टोल प्लाजा पर अन्य राज्यों से ट्रकों पर सवार हो कर आ रहे 4,200 श्रमिकों को उतरवाया और स्वास्थ्य जांच के बाद 22 बसों से रवाना किया। पुलिस ने बताया कि टोल प्लाजा पर ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने के लिए एसपी ने एक उपनिरीक्षक सहित सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।

जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने शनिवार को बताया था कि अधिकांश मजदूर बोरियों के नीचे दब कर मर गये । कुछ ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया । अधिकारियों ने बताया कि डीसीएम वाहन दिल्ली से मध्य प्रदेश जा रहा था । कुछ मजदूर चाय पीना चाहते थे। इसलिए वाहन को एक ढाबे पर रोका गया था।

अधिकारियों के अनुसार दोनों ही वाहनों पर वे मजदूर सवार थे, जिन्हें लॉकडाउन के दौरान काम नहीं मिल रहा था और उनके पास ना तो पैसा था और ना ही भोजन का प्रबंध । ये सभी अपने घरों को जल्द से जल्द पहुंचना चाहते थे।

राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को पचास-पचास हजार रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है । सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने फिर से कहा है कि सभी सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए निर्देश दिये गये हैं कि कोई भी ट्रक जैसे असुरक्षित साधन से यात्रा ना करे।

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