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परमबीर सिंह से उचित माध्यम से निर्देश मिलते थे: वाजे

By भाषा | Updated: November 24, 2021 20:02 IST

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मुंबई, 24 नवंबर मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे ने बुधवार को महाराष्ट्र के एक जांच आयोग को बताया कि उन्हें उन मामलों में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह से ‘‘उचित माध्यम’’ से निर्देश मिलते थे, जिन्हें वह देख रहे थे।

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे आयोग के समक्ष वाजे से जिरह हो रही है। इस साल मार्च में, महाराष्ट्र सरकार ने देशमुख (71) के खिलाफ सिंह के आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल का एक सदस्यीय आयोग गठित किया था।

बुधवार को, तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांदे की ओर से पेश वकील शेखर जगताप ने वाजे से जिरह की। अतिरिक्त कलेक्टर रैंक के अधिकारी पलांदे वर्तमान में देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित धनशोधन मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।

सिंह ने फरवरी के मध्य में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में और उसके बाद दावा किया कि देशमुख ने वाजे को अपने आधिकारिक आवास पर बुलाया था। सिंह ने कहा था कि उस समय तत्कालीन गृह मंत्री के निजी सचिव (पलांदे) सहित एक या दो कर्मचारी भी मौजूद थे।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह पलांदे को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं, वाजे ने ‘नहीं’ में जवाब दिया और कहा कि वह उन्हें केवल देशमुख के सहयोगी के रूप में जानते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या पलांदे ने कभी कोई मांग की या उन्हें पैसे से संबंधित कुछ भी बताया, वाजे ने ‘नहीं’ में जवाब दिया। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, वाजे ने आयोग को बताया कि व्यक्तिगत रूप से वह केवल एक मामले की जांच कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन एक इकाई प्रभारी के रूप में मैं कई मामलों की निगरानी कर रहा था।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें सिंह से उस मामले के बारे में कोई निर्देश मिल रहा था जिसकी वह निगरानी कर रहे थे, वाजे ने कहा कि उन्हें उन मामलों के संबंध में निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों से उचित माध्यम से मिलते थे जिनमें तत्कालीन पुलिस आयुक्त (सिंह) भी शामिल थे।

इस साल मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाये जाने और होमगार्ड में स्थानांतरित किये जाने के कुछ दिन बाद, सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में दावा किया था कि देशमुख पुलिस अधिकारियों से महानगर में रेस्तरां और बार मालिकों से पैसे एकत्रित करने के लिए कहते थे।

देशमुख ने इस साल अप्रैल में राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। राकांपा नेता बार-बार अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार कर चुके हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और धनशोधन से जुड़े आरोपों की अलग-अलग जांच कर रहे हैं। पूर्व मंत्री कथित धनशोधन से जुड़े मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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