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CAA-NRC को लेकर केरल विधानसभा में हंगामा, राज्यपाल का रास्ता रोक लगाए 'रिकॉल गवर्नर' के पोस्टर

By स्वाति सिंह | Updated: January 29, 2020 09:36 IST

मंगलवार को राज्यपाल ने केरल विधानसभा में अपने अभिभाषण में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव के जिक्र वाला पैराग्राफ पढ़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने सीएम पिनराई विजयन को पत्र लिखकर कहा कि भाषण के इस हिस्से को उनकी मंजूरी नहीं है।

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ठळक मुद्देCAA को लेकर लगातार केरल सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान विवाद चल रहा हैसदन में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को मंच पर जाने से भी रोका गया।

संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लेकर लगातार केरल सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान विवाद चल रहा है। बुधवार को सीएए और एनआरसी को लेकर केरल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ।

बुधवार को आरिफ मोहम्मद खान जैसे ही विधानसभा सदन में पहुंचे, उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। यही नहीं बल्कि यूडीएफ के विधयाकों ने राज्यपाल को प्लेकार्ड्स दिखाए। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को मंच पर जाने से भी रोका गया।

विरोध करते हुए यूडीएफ के विधायकों ने सदन में जमकर नारेबाजी की। इस दौरान विधायकों ने 'रिकॉल गवर्नर' के स्लोगन लगे पोस्टर्स भी लहराए।

इससे पहले मंगलवार को राज्यपाल ने केरल विधानसभा में अपने अभिभाषण में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव के जिक्र वाला पैराग्राफ पढ़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने सीएम पिनराई विजयन को पत्र लिखकर कहा कि भाषण के इस हिस्से को उनकी मंजूरी नहीं है। वहीं, विपक्षी कांग्रेस के नेता रमेश चेन्नीथला ने सोमवार को उम्मीद जताई कि केरल की वामपंथी सरकार उनके उस प्रस्ताव का पूर्ण समर्थन करेगी जिसमें सीएए को लेकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के रुख पर उन्हें वापस बुलाने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि आगामी बजट सत्र में प्रस्ताव पेश करने की अनुमति के अनुरोध वाला नोटिस राज्य विधानसभा और उसके सदस्यों की गरिमा को बरकरार रखने के लिए दिया गया है।

चेन्नीथला ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘दरअसल, इसे मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा पेश किया जाना चाहिए। मुझे यह प्रस्ताव इसलिए लेकर आना पड़ा क्योंकि मुख्यमंत्री सदन के नेता के तौर पर अपना काम करने में विफल रहे। ‘‘मुझे उम्मीद है कि उस पार्टी के नेता के तौर पर जिसका यह रुख रहा कि राज्यपाल का पद होना ही नहीं चाहिए, विजयन और उनकी सरकार सदन में प्रस्ताव को पूर्ण समर्थन देगी।”

कांग्रेस नेता के इस बयान से एक दिन पहले सत्तारूढ़ माकपा नीत वाम मोर्चे की सरकार और राज्य के संसदीय कार्य मंत्री, ए के बालन ने विधायी काम-काज के नियम 130 के तहत राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग संबंधी प्रस्ताव पेश करने के उनके फैसले की आलोचना की थी।  

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