उपहार अग्निकांड: सुशील अंसल ने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के लिए फर्जीवाड़ा किया

By भाषा | Updated: June 22, 2021 18:44 IST2021-06-22T18:44:48+5:302021-06-22T18:44:48+5:30

Uphaar fire: Sushil Ansal forged to get passport renewal | उपहार अग्निकांड: सुशील अंसल ने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के लिए फर्जीवाड़ा किया

उपहार अग्निकांड: सुशील अंसल ने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के लिए फर्जीवाड़ा किया

नयी दिल्ली, 22 जून दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया है कि 59 लोगों की जान लेने वाले 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड में दोषी ठहराए गए सुशील अंसल ने अपने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के लिए फर्जीवाड़ा किया और अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई।

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा की अदालत में दायर आठ पृष्ठों के आरोपपत्र में पुलिस ने दावा किया है कि अंसल ने शपथपत्र में यह कहकर सरकारी अधिकारियों को गुमराह किया कि उसे किसी भी अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है।

अंसल को 2013 में ‘तत्काल’ आवेदन पर जारी पासपोर्ट के संबंध में पुलिस ने कहा कि यह पाया गया है कि तत्काल पासपोर्ट योजना के तहत दिए गए शपथपत्र में अंसल ने कहा कि उसके खिलाफ किसी भी अदालत में कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है और उसे किसी भी अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है।

पुलिस ने यह आरोपपत्र इस साल फरवरी में दायर किया था, लेकिन लोगों के संज्ञान में यह अब आया है।

आरोपपत्र में कहा गया है, ‘‘2013 में, आरोपी सुशील अंसल ने अपने आवेदन के साथ शपथपत्र दायर किया और उसने शपथ के माध्यम से सरकारी प्राधिकरण (क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय) को यह कहकर गुमराह किया कि उसे अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है।’’

मामले में अगली सुनवाई 31 जनवरी 2022 को होगी।

पुलिस ने यह भी कहा कि अंसल पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अधिकारियों से अनुमति के साथ ही मामले में जल्द ही एक पूरक आरोपत्र दायर किया जाएगा।

संबंधित मामला उपहार हादसे के पीड़ितों के संगठन की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर दायर किया गया था।

याचिका में कहा गया था कि अंसल ने अपने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के लिए सूचनाएं छिपाईं या गलत सूचना दी।

कृष्णमूर्ति ने कहा कि दिल्ली पुलिस को उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद से आरोपपत्र दायर करने में दो साल लगे, वह भी तब जब विदेश मंत्रालय द्वारा की गई विस्तृत जांच रिकॉर्ड में उपलब्ध थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि मुकदमा शुरू करने के लिए पासपोर्ट अधिनियम की धारा 15 के तहत मंजूरी जल्द से जल्द मिलेगी। विगत में भी सुशील अंसल ने मुकदमे में विलंब का लाभ उठाया है और 59 लोगों की मौत का दोषी ठहराए जाने के बाद भी वह बचकर निकल गया। मुझे उम्मीद है कि इस मामले में जल्द से जल्द फैसला आएगा।’’

अंतिम रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘अंसल ने हालांकि 14 अगस्त 2017 को अपना पासपोर्ट जमा कर दिया क्योंकि वह जानता था कि उसके खिलाफ प्रतिकूल आदेश पारित किया जा सकता है।’’

आरोपपत्र में कहा गया है, ‘‘सुशील अंसल पासपोर्ट अधिनियम के प्रावधानों से भली-भांति वाकिफ था और उसने आवेदन में अपराध या अदालती कार्यवाही से संबंधित बॉक्स जानबूझकर खाली छोड़ दिए।’’

पुलिस ने कहा कि हालांकि जांच के दौरान उस तत्कालीन उपनिरीक्षक के खिलाफ कोई सबूत रिकॉर्ड में नहीं आया जिसने 2013 में आरोपी के पासपोर्ट से संबंधित सत्यापन किया था क्योंकि उसने तय प्रक्रिया के अनुरूप सत्यापन कार्य किया था।

आरोपपत्र में कहा गया है, ‘‘क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारियों की भूमिका के संबंध में यह पाया गया कि 2013 में पासपोर्ट जारी किया गया क्योंकि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की ओर से कोई प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं मिली क्योंकि आवेदक सुशील अंसल ने अपना पता बदलकर पंचशील पार्क से फिरोज शाह रोड कर दिया और पासपोर्ट आवेदन में अपनी उद्घोषणा में अपनी दोषसिद्धि के तथ्य को भी छिपाया।’’

दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमा में 13 जून 1997 को बॉर्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान भीषण आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी।

हादसे में अपने दो बच्चों को खोने वाली कृष्णमूर्ति पीड़ित परिवारों की ओर से पिछले 20 साल से कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं।

शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अंसल हर पांच-दस साल में अपने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराता रहा है।

याचिका में यह भी दावा किया गया था कि अंसल के पास दो पासपोर्ट हैं। अदालत ने एक आदेश में यह भी उल्लेख किया था कि अदालत को 2018 में दिया गया उसका पासपोर्ट नंबर, 2008 में दिए गए उसके पासपोर्ट नंबर से अलग था।

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Web Title: Uphaar fire: Sushil Ansal forged to get passport renewal

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