उपहार सिनेमा अग्निकांड : पीड़ितों ने अंसल बंधुओं की सजा को निलंबित नहीं करने का अनुरोध किया

By भाषा | Updated: November 15, 2021 19:50 IST2021-11-15T19:50:45+5:302021-11-15T19:50:45+5:30

Uphaar Cinema fire: Victims request Ansal brothers not to suspend their sentence | उपहार सिनेमा अग्निकांड : पीड़ितों ने अंसल बंधुओं की सजा को निलंबित नहीं करने का अनुरोध किया

उपहार सिनेमा अग्निकांड : पीड़ितों ने अंसल बंधुओं की सजा को निलंबित नहीं करने का अनुरोध किया

नयी दिल्ली, 15 नवंबर उपहार सिनेमा हॉल अग्निकांड के पीड़ितों के संगठन ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए रियल एस्टेट व्यवसायी सुशील और गोपाल अंसल को दी गई सात साल की जेल की सजा को निलंबित नहीं करने का अनुरोध किया। वर्ष 1997 में सिनेमा हॉल में लगी आग में 59 लोगों की जान चली गई थी।

एसोसिएशन ऑफ विक्टिम्स ऑफ उपहार ट्रेजडी (एवीयूटी) के वकील ने आठ नवंबर को एक मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा अंसल बंधुओं को सुनाई गई जेल की सजा को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल अंतिल के समक्ष यह निवेदन किया।

एसोसिएशन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अदालत से कहा कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ का अपराध बेहद गंभीर प्रकृति का है क्योंकि यह पूरी आपराधिक न्याय प्रणाली को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह न्याय प्रक्रिया में सीधा हस्तक्षेप है और इसलिए दोनों भाइयों को सात साल कैद की सजा और 2.25 करोड़ के जुर्माने को निलंबित करते समय गंभीरता से इस पर विचार करने की आवश्यकता है।’’

पाहवा ने कहा कि मजिस्ट्रेट अदालत का फैसला पूरी तरह तार्किक था और अदालत ने बचाव पक्ष की प्रत्येक दलील पर गौर किया था। आखिर में अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि यह साजिश का मामला था, जिसे अभियोजन पक्ष द्वारा साबित किया गया।

पाहवा ने कहा, ‘‘अंसल बंधुओं ने उपहार अग्निकांड से जुड़े मुख्य मामले में उन्हें दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया और अदालत के कर्मचारियों के साथ आपराधिक साजिश रचने के बाद सबूतों के साथ छेड़छाड़ की। इस मामले में साजिश उपहार से जुड़े मुख्य मामले में बरी करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके खिलाफ एकत्र किए गए सबूतों से छेड़छाड़ करने की थी।’’ उन्होंने कहा कि यहां तक कि उच्चतम न्यायालय ने भी इस अपराध को बहुत गंभीरता से लिया और दोषसिद्धि के बाद उन्हें दी गई नियमित जमानत रद्द कर दी।

मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा दोषसिद्धि और जेल की सजा को चुनौती देने के अलावा अंसल बंधुओं ने अदालत से अपील लंबित रहने के दौरान सजा को निलंबित करने का भी आग्रह किया है। मजिस्ट्रेट अदालत ने अदालत के पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा और दो अन्य लोगों पी पी बत्रा और अनूप सिंह को भी सात-सात साल कैद की सजा सुनाई और उन पर तीन-तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

उपहार सिनेमा हॉल में 13 जून 1997 को आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई थी। एवीयूटी अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति की एक याचिका पर सुनवाई के समय दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामला दर्ज किया गया था।

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Web Title: Uphaar Cinema fire: Victims request Ansal brothers not to suspend their sentence

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