संसद का आगामी सत्र हंगामेदार रहेगा, ‘निर्वाचित तानाशाही’ को रोकने के लिए सबकुछ करेगा विपक्ष : टीएमसी

By भाषा | Updated: November 15, 2021 16:50 IST2021-11-15T16:50:46+5:302021-11-15T16:50:46+5:30

Upcoming session of Parliament will be uproar, opposition will do everything to stop 'elected dictatorship': TMC | संसद का आगामी सत्र हंगामेदार रहेगा, ‘निर्वाचित तानाशाही’ को रोकने के लिए सबकुछ करेगा विपक्ष : टीएमसी

संसद का आगामी सत्र हंगामेदार रहेगा, ‘निर्वाचित तानाशाही’ को रोकने के लिए सबकुछ करेगा विपक्ष : टीएमसी

कोलकाता, 15 नवंबर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सोमवार को इशारा किया कि संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार होने वाला है क्योंकि विपक्षी दल “भारत को निर्वाचित निरंकुश शासन में बदलने से रोकने के लिए” सब कुछ करेंगे।

सूत्रों के मुताबिक संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच आयोजित करने की अनुशंसा की है।

राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओब्रायन ने ट्विटर पर कहा, “निर्लज्जता से लाए गए दो अध्यादेशों में ईडी और सीबीआई के निदेशकों का कार्यकाल दो साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया। संसद का शीतकालीन सत्र अब से दो सप्ताह में शुरू होने वाला है। आश्वस्त रहें, विपक्षी दल भारत को निर्वाचित तानाशाही में बदलने से रोकने के लिए सबकुछ करेंगे।”

ओ ब्रायन ने 2013 में सीबीआई की उच्चतम न्यायालय द्वारा “पिंजरे में बंद तोते” के तौर पर की गई आलोचना का स्पष्ट तौर पर जिक्र करते हुए ट्वीट में पहले दो और फिर पांच तोतों के स्टिकर का भी इस्तेमाल किया।

आगामी सत्र के दौरान पार्टी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों का कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाने के लिए अध्यादेश लाने के केंद्र के कदम जैसे अन्य मामलों को उठा सकती है। वह महंगाई, किसानों का प्रदर्शन और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने जैसे मुद्दे भी उठा सकती है।

लोकसभा में टीएमसी के नेता सुदीप बंधोपाध्याय ने जानना चाहा कि जब शीतकालीन सत्र होने ही वाला था तो केंद्र को अध्यादेश क्यों लाने पड़े।

उन्होंने कहा, “अगले हफ्ते जब संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने ही वाला है तो क्या जल्दबाजी थी? इसपर (सीबीआई, ईडी के निदेशकों के कार्यकाल का विस्तार) संसद में चर्चा हो सकती थी। हम संसद में यह मामला उठाएंगे। कई मुद्दों पर चर्चा किए जाने की जरूरत है।”

पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि पार्टी की बैठक के दौरान अन्य विपक्षी खेमों के साथ सदन में समन्वय की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।

उन्होंने विस्तार से बताया, “पेगासस विवाद को भी संसद में उठाया जाएगा। सरकार इस मुद्दे पर चर्चा से नहीं बच सकती। लेकिन हमारी रणनीति पार्टी सुप्रीमो एवं संसदीय दल की अध्यक्ष ममता बनर्जी की अगुवाई में होने वाली बैठक में तय की जाएगी। बैठक के दौरान, अन्य विपक्षी दलों से सदन में समन्वय की रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी।”

इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में अपनी शानदार जीत के बाद टीएमसी, 2024 के लोकसभा चुनावों पर नजर गड़ाए हुए विपक्षी एकता को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

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