UP Politics News: दलित-मुस्लिम गठजोड़ मजबूत करने में जुटीं मायावती?, लखनऊ और प्रयागराज में फेरबदल, देखें लिस्ट

By राजेंद्र कुमार | Published: September 9, 2024 06:14 PM2024-09-09T18:14:20+5:302024-09-09T18:42:14+5:30

UP Politics News: सेक्टर और मंडलीय कमेटियों में ज़िम्मेदारी मिलने से पार्टी का मुस्लिम-दलित गठजोड़ मजबूत होगा.

UP Politics News BSP chief Mayawati busy Dalit-Muslim alliance Reshuffle in Lucknow and Prayagraj, see list | UP Politics News: दलित-मुस्लिम गठजोड़ मजबूत करने में जुटीं मायावती?, लखनऊ और प्रयागराज में फेरबदल, देखें लिस्ट

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Highlightsमायावती ने पार्टी संगठन में फेरबदल किया है. सेक्टर और मंडल की कमिटियों अधिकांश पदाधिकारी दलित समाज के थे.मुस्लिम समाज के लोगों को भी कमेटियों में ज़िम्मेदारी मिलेगी.

UP Politics News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की लगातार छठी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के मायावती अब तेजी से पार्टी को मजबूत करने की रणनीति को जमीन पर लागू करने में जुट गई हैं. इसके तहत मायावती ने बसपा से छिटकते जा रहे मुस्लिम वोटबैंक को रोकने के लिए फिर से पार्टी संगठन में मुस्लिम नेताओं को ज़िम्मेदारी देने का फैसला किया है. जिसके तहत बसपा की सेक्टर और मंडलीय कमेटियों में मुस्लिम नेताओं को जगह दी जाएगी. मायावती का यह मानना है कि पार्टी की सेक्टर और मंडलीय कमेटियों में ज़िम्मेदारी मिलने से पार्टी का मुस्लिम-दलित गठजोड़ मजबूत होगा.

जिसका फायदा बसपा को देश और प्रदेश में मिलेगा. इसी सोच के तहत मायावती ने पार्टी संगठन में फेरबदल किया है. जिसके चलते मुस्लिमों से दूरी बनाकर चल रही मायावती ने अब हर सेक्टर और मंडल में दो-दो कमेटियां बनाए जाने का निर्देश दिया गया है. इन सेक्टर और मंडल कमेटियों में मुस्लिम नेताओं को भी ज़िम्मेदारी देने को कहा गया है. अभी बसपा की इन सेक्टर और मंडल की कमिटियों अधिकांश पदाधिकारी दलित समाज के थे, अब मुस्लिम समाज के लोगों को भी कमेटियों में ज़िम्मेदारी मिलेगी.

पार्टी नेताओं का कहना है कि पार्टी के कोर वोटरों की वापसी के लिए मायावती ने यह फैसला लिया है. मायावती को लग रहा है कि मुस्लिमों की कुछ हिस्सेदारी भी साथ खड़ी हो गई तो उनकी फिर से जनाधार बढ़ सकता है. इसके चलते ही उन्होने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद सेक्टर और मंडलीय कमिटियों में अब पदाधिकारियों की तैनाती में मुस्लिम नेताओं को महत्व देना तय किया है.

इन दो सेक्टरों में किया फेरबदल

मायावती के इस फैसले के तहत पार्टी संगठन में कई फेरबदल किए गए हैं. लखनऊ सेक्टर में तीन मंडलों लखनऊ, कानपुर व झांसी को रखा गया है.  पहले लखनऊ के साथ प्रयागराज और मिर्जापुर मंडल थे. नए सेक्टर में घनश्याम चंद्र खरवार, प्रवेश कुरील, समसुद्दीन राईन और अखिलेश अंबेडकर को प्रभारी बनाया गया है.

लखनऊ मंडल टीम-ए में मौजीलाल गौतम, अनुरेंद्र कुमार, संदीप कुमार रावत, दिनेश पाल को लगाया गया है. टीम-बी में राकेश गौतम, गंगाराम गौतम, श्याम किशोर अवस्थी को रखा गया है. समसुद्दीन राईन का मुख्य काम पार्टी के साथ मुस्लिमों को जोड़ना होगा. इसी तरह प्रयागराज सेक्टर में प्रयागराज के अलावा मिर्जापुर और चित्रकूट को रखा गया है.

इसमें विजय प्रताप, राजू गौतम, भीमराव अम्बेडकर, मोहम्मद अकरम और अमरेंद्र बहादुर पासी को जिम्मा सौंपा गया है। प्रयागराज मंडल की ए टीम में आकाश राव गौतम, प्रेमचंद निर्मल और आकाश वर्मा को रखा गया है। बी टीम में रमेश पासी अवधेश गौतम, राम नारायण निषाद को रखा गया है. मोहम्मद अकरम का काम पार्टी के साथ मुस्लिमों को जोड़ना होगा.

बसपा नेताओं का कहना है कि इसी तरह से हर सेक्टर में मुस्लिम नेताओं को पार्टी संगठन में ज़िम्मेदारी दी जाएगी ताकि पार्टी के पास फिर से प्रभावशाली मुस्लिम नेताओं की फौज हो. एक समय था, जब बसपा के पास नसीमुद्दीन सिद्दीकी, अफजाल अंसारी, दानिश अली, शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली, कादिर राणा, इमरान मसूद जैसे तमाम नेता थे, लेकिन वर्तमान में पार्टी के पास एक भी भीड़ जुटाऊ मुस्लिम नेता नहीं है. ऐसी नेताओं को फिर तैयार करने के लिए भी मायावती ने यह फैसला किया है. 

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