लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव अगले साल अप्रैल और मई के बीच होने हैं. इन चुनावों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने ग्राम पंचायतों के परिसीमन की प्रक्रिया और मतदाता सूची को संशोधित किए जाने के अभियान शुरू कर दिया हैं. परंतु सीएम योगी प्रदेश के राजनीतिक माहौल को लेकर पंचायत चुनाव का समय बढ़वाना चाहते हैं.
इसके लिए नगर विकास विभाग 97 नए नगर निकायों के गठन और 107 निकायों के सीमा विस्तार संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट से सामने रखने की तैयारी कर रहा है. बताया जा रहा है कि जल्दी ही नगर विकास विभाग के इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर राज्य निर्वाचन आयोग को पंचायत चुनावों के कार्यक्रम को नए सिरे से तय करना होगा. जिसके चलते पंचायत चुनाव तय समय पर नहीं होने की संभावना बढ़ जाएगी.
इसलिए बढ़ेगा पंचायत चुनावों का समय
हालांकि प्रदेश के राज्य निर्वाचन विभाग ने तय समय पर पंचायत चुनाव कराने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. इसी क्रम में पंचायतीराज विभाग ने गत 21 मई को शासनादेश जारी करके त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर नगर निकायों के सृजन एवं सीमा विस्तार पर रोक लगा दी थी. इतना ही नहीं ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के वार्डों के परिसीमन के परिसीमन की प्रक्रिया और मतदाता सूची को संशोधित किए जाने के अभियान भी गत 18 जुलाई से को शुरू किया गया.
अब 97 नए नगर निकायों के गठन और 107 निकायों के सीमा विस्तार संबंधी प्रस्ताव को लाए जाने की तैयारियों को देखते हुए यह कहा जा रहा है कि अगर इस प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी मिली तो पंचायत चुनाव का तय समय में होना संभव नहीं होगा क्योंकि राज्य निर्वाचन आयोग को नए सिरे से अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना होगा, जिसमें समय लगेगा.
राज्य निर्वाचन आयोग के अफसरों का कहना है कि वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनाव में 58,199 ग्राम पंचायत में चुनाव हुआ था. तब 12 करोड़ 39 लाख मतदाताओं ने पंचायत चुनावों में अपनी पसंद के प्रतिनिधि चुने थे. इस बार 504 ग्राम पंचायत शहरी क्षेत्रों में आ गई, जिसके चलते आयोग 57,695 ग्राम पंचायतों में चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है.
इस बीच सरकार में 97 नए नगर निकायों के गठन और 107 निकायों के सीमा विस्तार संबंधी प्रस्ताव पर चर्चा होने लगी है. कहा जा रहा है कि योगी सरकार अगले माह के पहले हफ्ते में 97 नए नगर निकायों के गठन और 107 निकायों के सीमा विस्तार संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे देगी. ऐसे में निर्वाचन आयोग को पंचायत चुनाव से संबंधित प्रक्रियाओं में तमाम तबदीली करनी होगी, जिसमें समय लगेगा और आयोग को पंचायत चुनावों के समय को नए सिरे से तय करना होगा.
हार के डर से योगी सरकार ने चला है यह दांव : संजय सिंह :
सरकार की इस मंशा पर आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सवाल उठाया है. उनका कहना है कि सूबे की योगी सरकार तय समय पर पंचायत चुनाव ना कराने के लिए ही 97 नए नगर निकायों के गठन और 107 निकायों के सीमा विस्तार का दांव चल रही है. जबकि सच्चाई यह है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भीतर नेताओं की सरकार और संगठन में पद पाने को लेकर घमासान मचा हुआ है. इस वजह से योगी सरकार ना तो मंत्रिमंडल का विस्तार कर पा रही है. और ना भी पार्टी नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन नहीं कर पा रही है.
वास्तव में योगी सरकार को पंचायत चुनावों में हार होने का डर है. सरकार नहीं चाहती है कि वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों के पहले उसे प्रदेश में हार का सामना करना पड़े. इसलिए अब योगी सरकार ने यह नया दांव चला है. आप सांसद संजय सिंह के इस आरोप का जवाब योगी सरकार के दो उपमुख्यमंत्री देने से बच रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि संजय सिंह बिलावजह के आरोप लगा रहे हैं.