सीएम योगी के मृत पिता के नाम पर MLA अमनमणि त्रिपाठी धोखाधड़ी कर निकले थे बदरीनाथ की यात्रा पर, नेता सहित 12 लोगों पर FIR दर्ज
By पल्लवी कुमारी | Updated: May 4, 2020 15:25 IST2020-05-04T15:09:57+5:302020-05-04T15:25:43+5:30
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट 20 अप्रैल की सुबह निधन हुआ था। सीएम योगी आदित्यनाथ अपने पिता के अंतिम संस्कार में लॉकडाउन की वजह से नहीं गए थे।

Photo source- Facebook account of UP MLA Aman Mani Tripathi
गोपेश्वर:उत्तर प्रदेश के नौतनवा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक ने अमनमणि त्रिपाठी ने सीएम योगी आदित्यनाथ के मृत पिता के नाम पर धोखाधड़ी कर लॉकडाउन का उलंघन किया है। जिसके लिए उत्तराखंड के टिहरी जिले के मुनी की रेती थाने में महामारी अधिनियम के तहत अमनमणि त्रिपाठी सहित 13 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है। उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अशोक कुमार ने बताया कि मुनी की रेती पुलिस स्टेशन (टिहरी गढ़वाल में) में यूपी विधायक अमनमणि त्रिपाठी और 11 अन्य के खिलाफ लॉकडाउन के मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
ABP की रिपोर्ट के मुताबिक अमनमणि त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के मृत पिता के नाम पर फर्जी पास बनवाया था। अमनमणि त्रिपाठी ने सीएम योगी के पिता के निधन के बाद होने वाले क्रिया-कलापों के नाम पर अपना पास बनवाया और इसी पास की बदौलत वो अपने समर्थकों के साथ बद्रीनाथ घूमने निकले थे। हालांकि, सीएम योगी के भाई महेंद्र ने किसी भी पितृ कार्य से इंकार किया है।
An FIR has been registered against them (UP MLA Aman Mani Tripathi & 11 others) at Muni Ki Reti Police Station (in Tehri Garhwal) for violating #lockdown norms: Uttarakhand Police DG (Law & Order) Ashok Kumar https://t.co/i6HMSch4Qopic.twitter.com/4jinlRPCyu
— ANI (@ANI) May 4, 2020
3 मई को विधायक को उनके साथियों के साथ कर्णप्रयाग से लौटा दिया गया था
बदरीनाथ-केदारनाथ की यात्रा पर निकले विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथियों को चमोली जिला प्रशासन ने कर्णप्रयाग से लौटा दिया। रविवार (3 मई) को विधायक अपने 10 साथियों को लेकर तीन गाड़ियों के काफिले के साथ चमोली की सीमा में पहुंचे जहां गौचर स्थित कोरोना जांच चौकी पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 14 दिन की पृथक-वास की अवधि पूरी न किए जाने पर जिले में प्रवेश न करने के नियमों का हवाला देते हुए उन्हें रोक दिया।
लेकिन उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश तथा देहरादून के जिलाधिकारी की अनुमति का हवाला देकर त्रिपाठी वहां से आगे निकल गए। हांलांकि, बाद में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें कर्णप्रयाग के पास अवरोधक लगा कर रोका और लौटा दिया था।
कर्णप्रयाग के उपजिलाधिकारी वैभव गुप्ता ने दूरभाष पर बताया कि बदरीनाथ मंदिर के कपाट अभी बंद होने के कारण विधायक त्रिपाठी और उनके दल को कर्णप्रयाग से वापस भेजा गया । गौचर स्थित स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, अमन मणि और उनके दल ने कोटद्वार से उत्तराखंड में प्रवेश किया और पौड़ी, श्रीनगर तथा रूद्रप्रयाग से होते हुए चमोली की सीमा में प्रवेश किया था।
कोरोना संकट के चलते लागू लॉकडाउन के कारण बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाने की तिथि 30 अप्रैल से 15 दिन आगे खिसकाकर 15 मई कर दी गयी है, जबकि गढ़वाल हिमालय के चारधामों में से तीन धामों में कपाट खोले जाने के बावजूद तीर्थयात्रियों को आने की अनुमति नहीं है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के विधायक के उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति का हवाला देकर चमोली पहुंच जाने पर स्थानीय प्रशासन हैरत में है।