गोपेश्वर: बदरीनाथ-केदारनाथ की यात्रा पर निकले उत्तर प्रदेश के नौतनवां के विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथियों को चमोली जिला प्रशासन ने कर्णप्रयाग से लौटा दिया। रविवार को विधायक अपने 10 साथियों को लेकर तीन गाड़ियों के काफिले के साथ चमोली की सीमा में पहुंचे जहां गौचर स्थित कोरोना जांच चौकी पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 14 दिन की पृथक-वास की अवधि पूरी न किए जाने पर जिले में प्रवेश न करने के नियमों का हवाला देते हुए उन्हें रोक दिया।
लेकिन उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश तथा देहरादून के जिलाधिकारी की अनुमति का हवाला देकर त्रिपाठी वहां से आगे निकल गए। हांलांकि, बाद में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें कर्णप्रयाग के पास अवरोधक लगा कर रोका और लौटा दिया।कर्णप्रयाग के उपजिलाधिकारी वैभव गुप्ता ने दूरभाष पर बताया कि बदरीनाथ मंदिर के कपाट अभी बंद होने के कारण विधायक त्रिपाठी और उनके दल को कर्णप्रयाग से वापस भेजा गया । गौचर स्थित स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, अमन मणि और उनके दल ने कोटद्वार से उत्तराखंड में प्रवेश किया और पौड़ी, श्रीनगर तथा रूद्रप्रयाग से होते हुए चमोली की सीमा में प्रवेश किया था।कोरोना संकट के चलते लागू लॉकडाउन के कारण बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाने की तिथि 30 अप्रैल से 15 दिन आगे खिसकाकर 15 मई कर दी गयी है, जबकि गढ़वाल हिमालय के चारधामों में से तीन धामों में कपाट खोले जाने के बावजूद तीर्थयात्रियों को आने की अनुमति नहीं है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के विधायक के उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति का हवाला देकर चमोली पहुंच जाने पर स्थानीय प्रशासन हैरत में है।