उप्र विधि आयोग जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे पर विचार कर रहा: मित्तल

By भाषा | Updated: June 27, 2021 22:35 IST2021-06-27T22:35:35+5:302021-06-27T22:35:35+5:30

UP Law Commission considering draft population control law: Mittal | उप्र विधि आयोग जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे पर विचार कर रहा: मित्तल

उप्र विधि आयोग जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे पर विचार कर रहा: मित्तल

लखनऊ/सम्भल (उप्र), 27 जून उत्तर प्रदेश की बढ़ती आबादी पर अंकुश लगाने के लिये राज्य का विधि आयोग एक कानून के मसौदे पर विचार कर रहा है। आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) आदित्य नाथ मित्तल का कहना है कि राज्य की जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने के लिये आयोग ने कानून के प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है। यह मसौदा दो महीने के अंदर तैयार करके राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा।

मित्तल ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि प्रस्ताव के दायरे में बहुविवाह तथा अन्य विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए विचार किया जा रहा है। यह आयोग की तरफ से महज सुझाव होंगे। यह सरकार पर है कि वह इन्हें मानती है या नहीं।

प्रस्तावित कानून की मुख्य विशेषताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी इसके बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

इससे पहले, समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इकबाल महमूद ने उत्तर प्रदेश के विधि आयोग द्वारा जनसंख्या नियंत्रण संबंधी मसौदा तैयार किए जाने को लेकर विवादित बयान देते हुए रविवार को आरोप लगाया कि यह कानून की आड़ में मुसलमानों पर वार करने की साजिश है और मुस्लिमों नहीं, बल्कि दलितों और आदिवासियों की वजह से आबादी बढ़ रही है।

महमूद ने रविवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिये एक कानून लाने पर विचार कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया, ''दरअसल यह जनसंख्या की आड़ में मुसलमानों पर वार है। भाजपा के लोग अगर समझते हैं कि देश में सिर्फ मुसलमानों की तादाद बढ़ रही है तो यह कानून संसद के अंदर आना चाहिए था ताकि यह पूरे देश में लागू होता। यह उत्तर प्रदेश में ही क्यों लाया जा रहा है?''

सम्‍भल सीट से सपा विधायक ने कहा ''सबसे ज्यादा आबादी दलितों और आदिवासियों के यहां बढ़ रही है, मुसलमानों के यहां नहीं। मुसलमान तो अब समझ गये हैं कि दो-तीन बच्चों से ज्यादा नहीं होने चाहिए।''

उन्होंने कहा कि इस कानून का नतीजा भी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) जैसा ही होगा। इसी तरह, असम में एनआरसी का असर मुसलमानों पर कम और गैर मुस्लिमों पर ज्यादा पड़ा। विधायक ने कहा कि जनसंख्या कानून का भी यही हश्र होगा।

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Web Title: UP Law Commission considering draft population control law: Mittal

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