UP Ki Taja Khabar: कोरोना संकट के बीच गर्भवती महिला ने सड़क पर दिया शिशु को जन्म, अस्पताल की लापरवाही आई सामने
By भाषा | Published: May 8, 2020 02:37 PM2020-05-08T14:37:25+5:302020-05-08T14:37:25+5:30
एसडीएम नरेंद्र सिंह एवं क्षेत्राधिकारी शिकोहाबाद इंदु प्रभा वहां पहुंचीं और महिला को प्रसव के बाद संयुक्त चिकित्सालय शिकोहाबाद के महिला वार्ड में तत्काल भर्ती कराया गया।
फिरोजाबाद: फिरोजाबाद जिले में शिकोहाबाद के कटरा बाजार क्षेत्र में एक गर्भवती महिला ने शुक्रवार दोपहर पुत्र को जन्म दिया। इससे पूर्व महिला कई अस्पतालों में चिकित्सकों को दिखाने गई थी। इसके उपरांत वह अल्ट्रासाउंड कराने अल्ट्रासाउंड केंद्र गई थी, तभी अचानक हुई प्रसव पीड़ा के कारण उसने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया।
इसकी सूचना मिलते ही एसडीएम नरेंद्र सिंह एवं क्षेत्राधिकारी शिकोहाबाद इंदु प्रभा वहां पहुंचीं और महिला को प्रसव के बाद संयुक्त चिकित्सालय शिकोहाबाद के महिला वार्ड में तत्काल भर्ती कराया गया। प्रभा ने बताया कि बच्चे के जन्म के बाद 35 वर्षीय किरण को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और जिन चिकित्सकों ने उसे अस्पताल में भर्ती नहीं किया था, उनके खिलाफ जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। महिला और उसका पुत्र दोनों स्वस्थ हैं।
बताते चलें कि कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लॉकडाउन जारी है। ऐसे में लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में दिल्ली के राजेन्द्र नगर विधानसभा क्षेत्र में एक हेल्पलाइन नंबर लोगों की कोरोना वायरस से संबंधित दिक्कतों को दूर करने में बहुत काम आ रहा है। इसके जरिये एक पिता को अपने बेटे को वापस पाने और एक गर्भवती महिला को चिकित्सा सहायता हासिल करने में मदद मिली है। राजेन्द्र नगर से विधायक राघव चड्ढा से जुड़ने के लिये शुरू किया गया हेल्पलाइन नंबर 9910944444 बहुत जल्द लॉकडाउन के दौरान इलाके के निवासियों के लिये जीवन रेखा बन गया।
चड्ढा ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''हमारे शिकायत प्रकोष्ठ में हर टीम चौबीसों घंटे, सातों दिन काम करती है। हर जरूरी कॉल का जवाब दिया जाता है। समर्पित पेशेवरों की एक और टीम सोशल मीडिया पर जुटी रहती है, जरूरी सवालों का जवाब देती है और जरूरतों को पूरा करने में लगीं टीमों का सहयोग करती है।'' उन्होंने कहा, ''हम समय पर दिक्कतों का हल सुनिश्चित कर रहे हैं। आरंभ में, शिकायत प्रकोष्ठ के पास रोजाना 25 से 70 कॉल आती थीं। लॉकडाउन के दौरान हर रोज 70 से 600 कॉल आती हैं।''
हेल्पलाइन टीम ने बीते कुछ दिनों में निपटाए गए मामलों की जानकारी दी। ऐसे ही एक मामले में एक व्यक्ति अपने बच्चे के साथ ट्रक में सवार होकर दिल्ली लौट रहा था, लेकिन उसे सीमा पर रोक दिया गया। पुलिस ने उसके बच्चे को ले जाकर बाल आश्रय गृह में छोड़ दिया। उसने इस नंबर पर मदद मांगी। हेल्पलाइन टीम ने मजिस्ट्रेट कार्यालय से संपर्क कर बच्चे का पता लगाया और उस व्यक्ति को एक आपातकालीन पास जारी किया गया, जिसके जरिये वह नागरिक देखभाल गृह जाकर अपने बच्चे को ले आया। एक और मामले में, रेड जोन इलाके में रह रही गर्भवती महिला को तेज बुखार आने के कारण तत्काल चिकित्सा सहायता की जरूरत थी।
उसने हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया, जिसके बाद उसे लेने के लिये तुरंत एक एंबुलेंस भेजी गई। वहीं, नारायणा गांव के एक व्यक्ति की हाल ही में एम्स में सर्जरी हुई थी, वह अपनी दवाएं लेने के लिए बाहर नहीं जा पा रहा था। उसने हेल्पलाइन टीम से संपर्क किया और व्हाट्सएप के जरिए अपना पर्चा भेजा। एक स्वयंसेवक ने उसके घर पर दवाइयां पहुंचा दीं। इसके अलावा भी यह हेल्पलाइन नंबर कई तरह से लोगों के काम आ रहा है।