सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों को न्याय का भरोसा दिलाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर घोरावल में तैनात सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट, पुलिस क्षेत्राधिकारी और इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है।
योगी ने राज्य विधानसभा में वक्तव्य दिया कि पूर्व में दो गुटों के बीच विवाद और शांतिभंग की आशंका के बावजूद अधिकारियों ने पर्याप्त कदम नहीं उठाये। घोरावल में तैनात रहे एसडीएम, सीओ और इंस्पेक्टर को जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर निलंबित कर दिया गया है।
बीट सब इंस्पेक्टर और कांस्टेबल को भी निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिस भूमि विवाद की वजह से यह संघर्ष हुआ, वह 1955 से चला आ रहा है और राजस्व अदालतों में कई मामले लंबित हैं और दोनों ही गुटों ने आपराधिक मामले भी दाखिल किये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि विवाद पर दस दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए अपर मुख्य सचिव (राजस्व) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति राजस्व रिकार्ड की जांच कर विवाद का पता लगाएगी और अपनी सिफारिशें सौंपेगी।
उन्होंने कहा कि अपर महानिदेशक (वाराणसी जोन) से भी जुलाई 2017 से पूर्व सोनभद्र में दोनों पक्षों के बीच दर्ज हुए मामलों की जांच करने को कहा गया है । योगी ने कहा कि जवाबदेही तय की जाएगी और पीडितों को न्याय मिलेगा।
हत्याकांड में शामिल लोग बख्शे नहीं जाएंगे। घटना के बारे में उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी यज्ञ दत्त सहित 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि हत्याकांड में 10 लोगों की जान गयी जबकि 28 अन्य घायल हुए।
प्रियंका गांधी को प्रशासन ने सोनभद्र जाने से रोका, विरोध में धरने पर बैठीं
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को शुक्रवार को सोनभद्र जाने से प्रशासन ने रोक दिया। वह बुधवार को हुए इस सामूहिक हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहीं थी। प्रियंका प्रशासन के इस कदम के विरोध में धरने पर बैठ गईं।
वह वाराणसी के अस्पताल में भर्ती सोनभद्र गोलीकांड के घायलों से मुलाकात के बाद जब सोनभद्र रवाना होने लगीं तो प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। इसके विरोध में प्रियंका अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गईं और उन्हें रोके जाने का लिखित आदेश दिखाने की मांग की।
प्रियंका ने कहा कि वह सोनभद्र में हुई झड़प में मारे गए लोगों के परिवार से मिलने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से जा रहीं थी लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। वह चाहती हैं कि उन्हें वहां जाने से रोकने का लिखित आदेश दिखाया जाए। उन्होंने कहा कि वह पीड़ितों से मिलने के लिए सिर्फ चार लोगों के साथ भी सोनभद्र जाने को तैयार हैं।