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यूपी: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बिना लाउडस्पीकर के प्रयोग के इमाम को दी मस्जिदों में अजान की अनुमति

By भाषा | Updated: May 16, 2020 05:42 IST

न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने मुस्लिम समुदाय को राहत देते हुए कहा ‘‘अजान इस्लाम का एक आवश्यक एवं अभिन्न हिस्सा हो सकता है, लेकिन लाउडस्पीकर या अन्य किसी ध्वनि विस्तारक यंत्र के जरिए अजान देने को इस धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं कहा जा सकता है।’’

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ठळक मुद्देइलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान, उत्तर प्रदेश की मस्जिदों में एक मुअज्जिन द्वारा ‘अजान’ दिए जाने की अनुमति शुक्रवार को दे दी लेकिन इसके लिए किसी लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।पीठ ने यह व्यवस्था पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद तथा गाजीपुर लोकसभा सीट के सांसद अफजल अंसारी सहित अन्य लोगों की अपीलों के एक समूह पर दी।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान, उत्तर प्रदेश की मस्जिदों में एक मुअज्जिन द्वारा ‘अजान’ दिए जाने की अनुमति शुक्रवार को दे दी लेकिन इसके लिए किसी लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।

न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने मुस्लिम समुदाय को राहत देते हुए कहा ‘‘अजान इस्लाम का एक आवश्यक एवं अभिन्न हिस्सा हो सकता है, लेकिन लाउडस्पीकर या अन्य किसी ध्वनि विस्तारक यंत्र के जरिए अजान देने को इस धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं कहा जा सकता है।’’

पीठ ने यह व्यवस्था पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद तथा गाजीपुर लोकसभा सीट के सांसद अफजल अंसारी सहित अन्य लोगों की अपीलों के एक समूह पर दी।

पीठ ने कहा ‘‘हमारी राय है कि मस्जिद की मीनारों से मुअज्जिन (मस्जिद की देखभाल करने वाला) ‘एंप्लीफायर’ वाले उपकरण के बिना अजान बोल सकते हैं और प्रशासन को कोविड-19 महामारी रोकने के दिशानिर्देश के बहाने इसमें किसी तरह का अवरोध उत्पन्न नहीं करने का निर्देश दिया जाता है।

प्रशासन इसमें तब तक अवरोध पैदा नहीं कर सकता जब तक कि ऐसे दिशानिर्देशों का उल्लंघन न किया जाए।’’

इस व्यवस्था के साथ ही अदालत ने गाजीपुर से सांसद अफजल अंसारी द्वारा दायर जनहित याचिका का अंततः निस्तारण कर दिया।

अंसारी ने अदालत से गुहार लगाई थी कि गाजीपुर के लोगों के धर्म के मौलिक अधिकार की सुरक्षा की जाए और राज्य सरकार को यह निर्देश दिया जाए कि वह गाजीपुर की मस्जिदों से एक मुअज्जिन को अजान देने की अनुमति दे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी फर्रुखाबाद और अन्य जिलों के मुस्लिमों के संबंध में इसी तरह की राहत के लिए इस अदालत का दरवाजा खटखटाया था। खुर्शीद ने दलील दी थी कि अजान, इस्लाम का एक अनिवार्य हिस्सा है।

बहरहाल पीठ ने कहा कि अगर अजान के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग करने के बारे में कोई आवेदन संबद्ध प्राधिकारियों के समक्ष दाखिल किया जाता है तो उस पर ध्वनि प्रदूषण नियमावली सहित कानून के अनुसार विचार किया जा सकता है।

साथ ही पीठ ने उच्च न्यायालय के महापंजीयक को, अपने फैसले की प्रति उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के पास भेजने का आदेश भी दिया। ऐसा इसलिए, ताकि उच्च न्यायालय के आदेश की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए इसकी प्रतियां सभी जिला मजिस्ट्रेटों को वितरित की जा सकें।

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