आम जानकारी में ये किस्सा कुछ ऐसा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू भोपाल के दौरे पर गए हुए थे। इस दौरान वे यहां राजभवन में रुके। नेहरू खाना खाने के बाद एक खास ब्रांड की सिगरेट पीना पसंद किया करते थे। लेकिन राजभवन में उस समय सिगरेट मौजूद नहीं था। बाद में जब राजभवन के अधिकारियों को यह पता चला कि नेहरू जी की पसंदीदा सिगरेट एक्सप्रेस 555 वहां मौजूद नहीं है तो आनन फानन में तुरंत एक विमान को सिगरेट लाने के लिए भोपाल से इंदौर भेजा गया।
एकबार नेहरू ने अपने नाई को लंदन से नई घड़ी लाकर गिफ्ट में दी थी। ये किस्सा कुछ इस तरह का है। उनका नाई हमेशा लेट हो जाया करता था। नेहरूजी के पूछने पर नाई ने कहा-मेरे पास घड़ी नहीं है, जिसके कारण वो हमेशा लेट हो जाया करते हैं। जिसके बाद वो लंदन से नई घड़ी लाए थे।
इसके अलावा उनके जीवन से जुड़ा एक किस्सा ये भी है कि मोतीलाल नेहरू और जवाहर लाल नेहरू के कपड़े लंदन से धुलकर आते थे। दरअसल पिता मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद के प्रतिष्ठित परिवार से थे। उन्होंने अपने बेटे जवाहर को बड़े लाड-प्यार से पाला। कहते हैं एकबार नेहरू जी के पिताजी ने उनके लिए साल 1904 में विदेश से कार मंगवाई थी। इलाहाबाद की सड़कों पर चलने वाली यह पहली कार थी। उनके घर टेनिस कोर्ट और स्वामिंग पूल जैसी सुविधाएं थी।
नेहरू जी को अंग्रेज टीचर उनके घर पढ़ाने आते थे। जब वे 15 वर्ष के हुए तो शिक्षा के लिए लंदन चले गए। उनकी स्कूलिंग जहां लंदन के हैरो स्कूल में हुई तो उच्च शिक्षा भी उन्होंने कैम्ब्रिज प्राप्त की।