टीकों की कमी के कारण बंगाल में सार्वभौमिक टीकाकरण अभियान में देरी होगी: अधिकारी
By भाषा | Updated: June 21, 2021 20:02 IST2021-06-21T20:02:20+5:302021-06-21T20:02:20+5:30

टीकों की कमी के कारण बंगाल में सार्वभौमिक टीकाकरण अभियान में देरी होगी: अधिकारी
कोलकाता, 21 जून पश्चिम बंगाल सरकार टीकों की कमी के चलते 18 से 45 साल की आयु के लोगों को निशुल्क टीका लगाने के उद्देश्य से अपना सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम शुरू नहीं कर पाई है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राज्य ''सुपरस्प्रेडर'' यानि अधिक संक्रमण फैलने का कारण बने समूहों के रूप में चिन्हित लोगों को प्राथमिकता देना जारी रखेगा और आपूर्ति के आधार पर दैनिक टीकाकरण की संख्या में वृद्धि करेगा।
अधिकारी ने कहा, ''हम टीकों की किल्लत के चलते आज सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम शुरू नहीं कर पाए। मौजूदा टीकाकरण प्रक्रिया चलती रहेगी। हमारा पहला लक्ष्य प्राथमिकता समूहों को कवर करना है।''
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने बस कंडक्टरों, ड्राइवरों, हॉकरों और सब्जी विक्रेताओं को ''सुपरस्प्रेडर'' के रूप में चिन्हित किया है। इन्हें, इनके परिवार के सदस्यों और करीबी रिश्तेदारों को टीके लगाने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, ''हम आपूर्ति की समीक्षा कर भविष्य की कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे। फिलहाल, हम प्रतिदिन करीब तीन लाख लोगों को टीके लगा सकते हैं। हमारी क्षमता रोजाना पांच लाख टीके लगाने की है।''
केंद्र सरकार ने सोमवार को 18-45 आयु वर्ग के लिए राज्यों को टीकों की मुफ्त आपूर्ति करने के लिए सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार रविवार तक पश्चिम बंगाल में लगभग 1.9 करोड़ लोगों को कोविड-19 टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है। इनमें से 42,74,276 लाभार्थियों को दोनों खुराकें मिल चुकी है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।