जयपुरः केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में अच्छी सड़कों और दूसरी बेहतर ढांचागत सुविधाओं के लिये लोगों को भुगतान करने की जरूरत हे। उन्होंने एक्सप्रेसवे से यात्रा में लगने वाले समय और ईंधन लागत में कमी के बारे में भी बताया।
नितिन गडकरी ने कहा कि मंत्रालय एक अहम दिशा में काम कर रहा है। सड़कों पर भागते गाड़ियों में अब तबला, हारमोनियम, सारंगी और शंख की आवाज वाले हॉर्न सुनाई देंगे। जल्द से जल्द वाहनों से हॉर्न और सायरन को हटा दिया जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इससे दो फायदे होंगे। एक तो प्रदूषण कम हो जाएगा और दूसरा वन्यजीवों का आराम हो जाएगा। राजमार्ग पर वन्यजीव परेशान नहीं होंगे। वह भी आराम से चहलकदमी कर सकेंगे। हॉर्न से सभी को तकलीफ है।
अच्छी सड़कों के लिये लोगों को भुगतान करने की जरूरत: गडकरी
सोहना में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (डीएमई) की प्रगति की समीक्षा करते हुए सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा कि जिन किसानों की एक्सप्रेसवे के पास जमीन है, उसे उन्हें रियल्टी डेवलपर को नहीं बेचना चाहिए। बल्कि उनके साथ भागीदारी करनी चाहिए और सड़क किनारे सुविधाओं का निर्माण करना चाहिए।
पथकर की वजह से यात्रा खर्च में वृद्धि के बारे में मंत्री ने कहा, ‘‘अगर आप एयर कंडीशन युक्त हॉल उपयोग करना चाहते हैं, उसके लिये आपको पैसे खर्च करने पड़ते हैं। अन्यथा, आप खुले में भी शादी का आयोजन कर सकते हैं।’’ गडकरी ने कहा कि एक्सप्रेसवे से यात्रा समय में उल्लेखनीय रूप से कमी आएगी। इससे ईंधन की लागत भी कम होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से यात्रा समय में 12 घंटे की कमी आएगी। एक ट्रक को दिल्ली से मुंबई जाने में 48 घंटे लगते हैं। लेकिन इस एक्सप्रेसवे से वह 18 घंटे में पहुंचेगा।’’ गडकरी ने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि ट्रक अधिक फेरे लगा सकता है। यानी अधिक कारोबार कर सकता है।’’
गडकरी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की प्रगति की समीक्षा की
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (डीएमई) की प्रगति की समीक्षा की। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद उम्मीद है कि राष्ट्रीय राजधानी और वित्तीय केंद्र के बीच यात्रा का समय 24 घंटे से कम होकर 12 घंटे रह जाएगा। यह एक्सप्रेसवे आठ लेन का होगा और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा गुजरात से होकर गुजरेगा।
गडकरी ने यह भी कहा कि दिल्ली-एनसीआर में यातायात जाम और वायु प्रदूषण की समस्या को कम करने के लिए सड़क मंत्रालय 53,000 करोड़ रुपये की 15 परियोजनाओं पर काम कर रहा है। समीक्षा बैठक के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी मौजूद थे।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के मार्च 2023 तक पूरा होने की संभावना है और इसे भारतमाला परियोजना के पहले चरण के तहत बनाया जा रहा है। हाल में जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार परियोजना की लागत 98,000 करोड़ रुपये है और यह भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा।
गडकरी ने मध्य प्रदेश में 9,577 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास किया
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को मध्यप्रदेश के इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में कुल 9,577 करोड़ रुपये की लागत वाली 34 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। अधिकारियों ने बताया कि ये परियोजनाएं राज्य भर में 1,356 किलोमीटर लंबी सड़कों के निर्माण से संबंधित हैं। इनमें 2,209 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए 168 किलोमीटर लंबे ग्वालियर-झांसी-खजुराहो मार्ग का लोकार्पण शामिल है।
सड़क परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे, जबकि राज्य से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय मंत्री-नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद्र कुमार, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रह्लाद सिंह पटेल इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंस से शामिल हुए। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर के इस कार्यक्रम से पहले, गडकरी ने आठ लेन वाले दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे के राज्य से होकर गुजरने वाले करीब 245 किलोमीटर लम्बे हिस्से के जारी निर्माण कार्य का रतलाम जिले में निरीक्षण किया।
अधिकारियों के मुताबिक इस हिस्से के निर्माण पर करीब 8,437 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। उन्होंने बताया कि दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे के तहत बनाई जा रही आठ लेन की सड़क पश्चिमी मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में 102.4 किलोमीटर, रतलाम जिले में 90.1 किलोमीटर और झाबुआ जिले में 52 किलोमीटर की लम्बाई में गुजरेगी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में इस परियोजना के तहत प्रस्तावित कुल 245 किलोमीटर में से 106 किलोमीटर लम्बी सड़क बनाई जा चुकी है और बाकी काम पूरा करने के लिए नवंबर 2022 की समय-सीमा तय की गई है।
(इनपुट एजेंसी)